वायरल ऑडियो मामले में बिलासपुर मेयर रामशरण यादव को पार्टी ने जारी किया नोटिस, 24 घंटे के भीतर देना है जवाब, अरुण तिवारी और रामशरण यादव के बीच कथित ऑडियो में अपनी ही पार्टी की जड़े खोदते सुनाई पड़ रहे दोनों नेता

पूर्व विधायक और कांग्रेसी नेता अरुण तिवारी ने बिलासपुर महापौर रामशरण यादव की मुश्किलें बढ़ा दी है। फोन में बातचीत करने के दौरान शायद रामशरण यादव को भी इस बात का अहसास नहीं था कि वे अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं। विधानसभा चुनाव के लिए रामशरण यादव भी एक दावेदार थे ।अरुण तिवारी ने भी दावेदारी की थी। जब दोनों को ही पार्टी से टिकट नहीं मिली तो फिर फोन पर बातचीत के दौरान दोनों का दर्द छलक आया। मुश्किल तो तब हुई जब अरुण तिवारी ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर निजी बातचीत का यह ऑडियो वायरल कर दिया, इसमें पूर्व विधायक अरुण तिवारी के साथ बातचीत में बिलासपुर महापौर कथित रूप से बेहद तल्ख नजर आ रहे हैं । उन्होंने प्रदेश प्रभारी पर ही चार करोड रुपए लेकर टिकट बांटने का गंभीर आरोप लगा दिया। इतना ही नहीं बातचीत में उन्होंने बिलासपुर विधायक का जमकर मखौल भी उड़ाया और जो बात विरोधी नहीं कहते वह भी कह डाली।

बिलासपुर महापौर रामशरण यादव को तनिक भी आभास नहीं था कि निजी बातचीत का यह ऑडियो उनके ही पुराने दोस्त अरुण तिवारी ऐसे वायरल कर देंगे, लेकिन अब ऑडियो के सामने आने के बाद कांग्रेस में भी हड़कंप मच गया है । इस संबंध में संगठन के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदु ने पत्र लिखा है कि टिकट वितरण को लेकर हो रही चर्चा का ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, इसमें जिस प्रकार की बातचीत हो रही है वह अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। इसे लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है । नोटिस जारी कर 24 घंटे के अंदर मेयर रामचरण यादव से जवाब मांगा गया है।

रामशरण यादव ने इस मामले में यह जरूर कहा है कि अरुण तिवारी जी से उनके अच्छे संबंध है और सारी बातें निराधार है, लेकिन वे यह कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाए कि यह ऑडियो फेक है। असल में मेयर रामशरण यादव भी बिलासपुर और बेलतरा से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिली। उनका आरोप है कि चार करोड़ देने वालों के आगे हाथ पैर जोड़ने वाले की नहीं चली।
ठीक चुनाव से पहले इस तरह का आरोप कांग्रेस के लिए मुसीबत बन सकती है। वह भी इसलिए क्योंकि यह आरोप कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस का महापौर लगा रहा है, यही कारण है कि इसे लेकर महापौर को नोटिस जारी किया गया है। उन्हें 24 घंटे के भीतर जवाब देने हैं। अगर जवाब संतोषजनक न हुआ तो फिर उन्हें महापौर के पद से हटाया भी जा सकता है। ठीक चुनाव से पहले ऐसा कुछ हुआ तो फिर यह कांग्रेस के लिए दोहरी समस्या होगी। तो वही इतना तो तय है कि इस ऑडियो के वायरल होने के बाद बिलासपुर महापौर रामशरण यादव ने अपने लिए मुसीबत मोल ले ली है, जिसकी उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। फिलहाल तो यही लग रहा है कि ऑडियो के बहाने अरुण तिवारी ने मेयर रामशरण यादव का शिकार कर लिया है।

S भारत न्यूज़ इस ऑडियो के सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करता है।

वायरल ऑडियो

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