आकाश दत्त मिश्रा
एक कहावत है गए थे नमाज बख्शवाने, रोजे गले पड़े। वही बात बिलासपुर में चरितार्थ होती दिखी । जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने स्पष्ट दिशा निर्देश दिए हैं। इसके तहत कानफोड़ू और जानलेवा डीजे पर प्रतिबंध लगाया गया है । बिलासपुर पुलिस लगातार डीजे जप्ती और जुर्माने की कार्रवाई कर रही है , जिससे डरे हुए डीजी संचालक आगामी दुर्गा विसर्जन के लिए बुकिंग नहीं ले रहे। इसके बाद कुछ डीजे संचालक भीड़ इकट्ठा कर कोतवाली थाने में दबाव बनाने पहुंच गए। उन्हें लगा कि भीड़ के आगे पुलिस झुक जाएगी और हाई कोर्ट के निर्देश से परे जाकर उन्हें डीजे के साथ विसर्जन की अनुमति मिल जाएगी।
कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक संदेश भी तैर रहा है जिसमें डीजे पर प्रतिबंध के बाद पूर्व मंत्री द्वारा बातचीत कर मामला सुलझाते हुए डीजे के साथ विसर्जन की अनुमति मिल जाने की खबर वायरल की जा रही है। इस सबसे उत्साहित भीड़ कोतवाली थाने पहुंच गई ।
अब उन्हें लेने के देने पड़ गए हैं, क्योंकि ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। मंगलवार शाम को करीब 4:00 से 6:00 बजे तक 150-200 की संख्या में युवक कोतवाली थाने पहुंच गए और थाने का घेराव कर डीजे के साथ विसर्जन की अनुमति मांगने लगे । कोतवाली के सामने इन लोगों ने चक्का जाम कर नारेबाजी भी किया। इस तरह से उन्होंने विधानसभा चुनाव के मद्दे नजर प्रभावी आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए कानून भी तोड़ा। हाई कोर्ट के दिशा निर्देश को अनदेखा करते हुए डीजे बजाने की अनुमति मांगने भीड़ इकट्ठा करने और चक्का जाम कर आवागमन बाधित करने के आरोप में पुलिस ने डीजे संचालक राजा देवांगन, राहुल कछवाहा, सौरभ, मयंक और अन्य लोगों के खिलाफ धारा 147, 341 के तहत मामला पंजी बात कर लिया है।