

प्रत्येक सनातनी हिंदू और मां दुर्गा के भक्त की इच्छा होती है कि वह वैष्णो देवी जाकर आदिशक्ति मां के दर्शन करें लेकिन यह सब के भाग्य में कहा ? मगर अब ऐसे सभी देवी भक्तों की यह इच्छा बिलासपुर में ही पूरी हो सकती है । त्रिकुटा की पहाड़ियों पर जम्मू के कटरा में स्थित विश्व प्रसिद्ध माता वैष्णोदेवी के दर्शन की अभिलाषा सभी करते है। मां वैष्णो की भक्ति के साथ माता की गुफा को हर भक्त एक बार जरूर देखना चाहता है। इसी वैष्णो देवी मंदिर की तर्ज़ पर बिलासपुर से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम नगोई में माता वैष्णो देवी का अद्भुत मंदिर बनाया गया है। जहां माता वैष्णो देवी की तरह हूबहू वैसा ही दाएं देवी काली , बाएं सरस्वती और मध्य में देवी लक्ष्मी पिण्डी के रूप में गुफा में विराजित हैं। इन तीनों पिण्डियों के सम्मिलित रूप को ही वैष्णो देवी माता कहा जाता है। नगोई में माता का यह भवन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसकी सुंदरता कटरा की वैष्णो देवी मंदिर जैसी अनुभूति कराता है, इसलिए मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। यहां आकर माता के भक्त गणों को बहुत सुकून मिलता है।

मंदिर निर्माण के पश्चात प्रथम नवरात्रि में तो भक्त गण माता के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।
51 फीट ऊंचे इस मंदिर का निर्माण नगोई के संजय शर्मा के द्वारा करवाया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1984 में वे माता वैष्णो देवी दर्शन को कटरा जाना चाहते थे, लेकिन उनकी यह इच्छा दस साल बाद 1994 में पूरी हुई। तब से वे लगातार हर साल माता वैष्णो देवी दर्शन करने जाते हैं। उन्होंने बताया कि बहुत से ऐसे लोग हैं, जो माता वैष्णो देवी का दर्शन करना चाहते हैं, लेकिन जम्मू जा नहीं सकते है। उनको ध्यान में रखकर और माता वैष्णोदेवी की प्रेरणा से गांव की पुस्तैनी जमीन पर मंदिर बनाने का संकल्प लिया।

वर्ष 2017 में इस मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया। जो 2023 में पूरा हुआ। कटरा स्थित वैष्णो देवी मंदिर की तर्ज पर ही यहां मां वैष्णो देवी की प्रतिमा और कृत्रिम गुफा बनाने के लिए कारीगर जम्मू से बुलाए गए थे। मंदिर में माता वैष्णोदेवी की प्रतिमा के साथ हनुमानजी, शनिदेव भगवान, नवदुर्गा, द्वादश ज्योतिर्लिंग, भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमाएं भी विराजमान है।
ग्राम बैमा नगोई आदिशक्ति मां महामाया के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। अब मंदिर पहुंच मार्ग पर ही मां वैष्णो दरबार क्षेत्र की नई पहचान बन रही है। नवरात्रि के पहले ही दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर के दर्शन के लिए पहुंचे । दर्शन के पश्चात श्रद्धालु अभिभूत नजर आए । किसी को लगा कि वह साक्षात कटरा स्थित वैष्णो देवी मंदिर पहुंच गया तो कोई यह जान पाया कि वैष्णो देवी मंदिर में देवी किस रूप में स्थापित है। सभी यहां देवी की भक्ति में आनंदित नजर आए।
करीब साढ़े तीन एकड़ क्षेत्रफल में निर्मित मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही प्रथम आराध्याय भगवान गणेश की प्रतिमा है। वही एक परिक्रमा कर अलग-अलग देवी देवताओं के भी दर्शन किए जा सकते हैं। मंदिर के प्रथम तल पर देवी दुर्गा के सभी 9 स्वरूप स्थापित किए गए हैं। साथ ही परिसर में एक विशाल भवन भी बनाया गया है जो विभिन्न उद्देश्यों से उपयोग में लाया जा सकता है।
विगत जून माह में प्राण प्रतिष्ठा के साथ मंदिर का शुभारंभ हुआ, जिसके पश्चात मां वैष्णो दरबार नगोई में प्रथम नवरात्रि पर कई आयोजन किये जा रहे हैं ।प्रथम दिवस यहां कलश स्थापना और पूजा संपन्न हुई। सोमवार 16 अक्टूबर को गौरव जोशी ग्रुप द्वारा माता का जगराता प्रस्तुत किया जाएगा। अगले दिन बिलासपुर के प्रसिद्ध भवानी जागरण ग्रुप द्वारा जशगीत की प्रस्तुति दी जाएगी। इसी क्रम में बेंगलुरु के आदित्य शुक्ला माता की भक्ति एवं शक्ति की प्रस्तुति देंगे। इस मंदिर के रूप में स्वर्गीय बसंत शर्मा के सपने को साकार किया गया है , साथ ही उन सभी देवी भक्तों का सपना भी यहां पूरा हो रहा है जो वैष्णो देवी मंदिर कटरा नहीं जा सके। वे यहीं आकर माता के उसी स्वरूप का दर्शन लाभ कर पा रहे हैं।