

ग्राम नेवरा में पिछले दिनों हुई 15 गायों की मौत के मामले में आरोपियों की पहचान हो गई है। आशंका है कि गौ तस्करी के लिए ही इन गायों की जान ली गई है। ग्राम नेवरा में लापरवाही पूर्वक गांव के बाजार स्थल के पानी टंकी के पास स्थित छोटे से पंप हाउस में 15 गायों को भूखा प्यासा बंद करने और उनकी मौत के मामले में पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया है। पंचायत की बैठक में तेज बदबू आने के बाद मामले का खुलासा हुआ था। जब पंप हाउस को खोलकर देखा गया तो वहां 15 गाय मृत पाई गई । पता चला कि किसी ने सात आठ दिन पहले इन गायों को पंप हाउस के अंदर भरकर बाहर से दरवाजा बंद कर दिया था। इस दौरान ना तो उन्हें चारा दिया गया ना पीने के लिए पानी। भूखी प्यासी गौमाता तड़प तड़प कर मर गई। उस छोटे से कमरे में तो सांस लेना तक दूभर था। इस क्रूरता के चलते 15 गायों की मौत हुई थी। मामले की शिकायत नेवरा के गौठान अध्यक्ष रामचंद्र यादव ने थाने में की थी। कई हिंदूवादी संगठनों ने भी मामले में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया था। मामले को राजनीतिक रंग देने का भी प्रयास हुआ था। कहा जा रहा था कि राहुल गांधी की सभा के दौरान सड़कों को मवेशी मुक्त दिखाने के लिए ही ऐसा किया गया।
मामला दर्ज कर कोटा थाना प्रभारी टी एस नवरंग ने लगातार 5 दिनों तक गांव नेवरा में कई लोगों से पूछताछ की। इसके बाद पता चला कि 12- 13 दिन पहले गांव के रंजीत बघेल, तीतराराम बघेल और कल्लू बंजारे ने इन मवेशियों को बाजार की तरफ से हकेलते हुए पानी टंकी के पास बने पंप हाउस में घुसाकर बाहर से दरवाजा बंद कर दिया था। इसके पीछे उनका मकसद क्या था यह हालांकि पुलिस ने नहीं बताया। लेकिन तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस ने 16 गायों को क्रूरता पूर्वक छोटे से पंप हाउस में ठूंस ठूंस कर भरने और उनमें से 15 की मौत हो जाने तथा एक के घायल होने के आरोप में पशु क्रूरता अधिनियम के तहत नेवरा निवासी तितरा राम बघेल , तीतरा उर्फ कल्लू बंजारे और रंजीत बघेल को गिरफ्तार किया है।
