कैलाश यादव
15 गायों को पंप हाउस के छोटे से कमरे में भूखा, प्यासा बंद कर दिया गया, जिन्हें ऑक्सीजन भी नहीं मिली इस कारण से 14 गायों की मौत हो गई। घटना नेवरा की है । गुरुवार को दोपहर में यहां पंचायत की बैठक आयोजित थी। बैठक के दौरान पास से दुर्गंध आ रही थी जिसके बाद कमरे की तलाशी ली गई तो वहां बंद दरवाजे के पीछे मृत गायें पड़ी हुई थी, जिसमें कीड़े भी लग गए थे। एक्सीवेटर से पंप हाउस के दरवाजे और दीवार को तोड़कर गायों के शवों को ट्रैक्टर में डालकर गांव से दूर ले जाया गया ।
मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर कोटा क्षेत्र के गांव नेवरा में हुई इस घटना के बाद इस कार्रवाई की जमकर आलोचना हो रही है। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों तखतपुर क्षेत्र में हुई आमसभा के दौरान मीडिया और जनप्रतिनिधियों की नजर से सड़क पर बैठी गायों को छुपाने के लिए ही गैर जिम्मेदार तरीके से 15 गायों को एक छोटे से कमरे में बंद कर दिया गया, जहां बिना खाना पानी और सांस घुटने से उनकी मौत हो गई । इस मुद्दे पर शुक्रवार को नेहरू चौक पर दोषियों का पुतला दहन कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई। इस घटना का विरोध करने वालों ने कहा कि गांव में गौठान की पोल ना खुल जाए इसे छुपाने के लिए ही नेवरा पानी टंकी बिल्डिंग में उन्हें मरने के लिए ठूंस दिया गया।
3 साल पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
करीब 3 साल पहले भी बिलासपुर से 15 किलोमीटर दूर मेढ़पार में ऐसे ही लापरवाही से 70 गायों की मौत हो गई थी। गायों को एक जर्जर भवन में अस्थाई गौठान बनाकर बंद कर दिया गया था, 100 से अधिक गायों में से 70 की मौत हो गई थी । इसी तरह की लापरवाही एक बार फिर से हुई है जिसे लेकर आक्रोश देखा जा रहा है।