लगातार ट्रेनों को रद्द करने और ट्रेनों की लेट लतीफी के विरोध में कांग्रेस का रेलव रोको आंदोलन, विधायक शैलेश पांडे ने कहा 2024 में जनता देगी जवाब

कैलाश यादव

कोरोना काल के बाद से बिलासपुर में यात्री गाड़ियों की लेट लतीफी, गाड़ियों को लगातार रद्द करने, कोयला लदान और माल गाड़ियों को प्राथमिकता देने, यात्री ट्रेन के कई- कई घंटे विलंब से चलने जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को प्रदेश के सभी जिला, ब्लाक मुख्यालय में रेल रोको आंदोलन किया। रेलवे की चेतावनी के बाद भी कांग्रेस के नेता पटरियों पर लेट गए और इंजन पर चढ़कर नारेबाजी करते देखे गए।


सुबह करगी रोड कोटा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मालगाड़ी को रोक लिया। यहां भी रेल लाइन पर लेटकर कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और करीब 2 घंटे तक तेल यातायात को बाधित किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अप और डाउन दोनों लाइनो पर माल गाड़ियों को रोक दिया।

इधर बिलासपुर रेलवे स्टेशन में भी विधायक शैलेश पांडे के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता पहुंचे, जिन्होंने प्लेटफार्म नंबर एक और आउटर पर मालगाड़ी को रोककर अपना विरोध दर्ज कराया। शैलेश पांडे ने कहा कि केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय न जनता की सुन रही है ना जनप्रतिनिधियों की। इसे लेकर कांग्रेस के आंदोलन को ऑटो चालकों के समर्थन की भी बात उन्होंने कही। साथ ही कहा कि उनका आंदोलन क्रमिक चलता रहेगा। शैलेश पांडे ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनका ऐसा ही रवैया रहा तो फिर जनता 2024 में इसका जवाब देगी। रेलवे को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया गया।


रेल रोको आंदोलन के मद्दे नजर चेतावनी दी गयी थी कि अगर ट्रेन यातायात बाधित हुआ तो आंदोलनकारी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। बिलासपुर में आरपीएफ के अलावा लोकल पुलिस की भी ड्यूटी लगाई गई थी। कई स्थानो पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का मुक्की भी हुई, बावजूद इसके कांग्रेसी नेता अपने मकसद में कामयाब हुए।

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि देश भर में 6,800 रेल स्टॉपेज बंद कर दिए गए हैं जिसमें से 200 छत्तीसगढ़ में ही है। साधारण पैसेंजर ट्रेन को स्पेशल ट्रेन बनकर दोगुना किराया वसूलने का भी आरोप लगाया गया। स्लीपर और सामान्य सैनी के डिब्बो की संख्या घटाने की भी बात कही गयी। कांग्रेस का दावा है कि पिछले 3 साल में रेलवे ने 67,382 ट्रेनों को रद्द किया है। रेलवे आम लोगों का सस्ता और सुलभ परिवहन का माध्यम है, जिसके सुचारू रूप से न चलने से आम लोगों को परेशानी होने की बात कही गई ।आरोप लगाया गया की रेलवे के भी निजीकरण का षड्यंत्र किया जा रहा है।

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