
कैलाश यादव

शिक्षा के मंदिर का व्यापारीकरण करने और स्कूल में भारतीय परंपराओं को ध्वस्त करने का आरोप लगाते हुए कलेक्टर से शिकायत की गई है। बिलासपुर में ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल की कई शाखाएं संचालित होती है, जिसका प्रमुख केंद्र बहतराई में है। इसके अलावा भी शहर के अलग-अलग क्षेत्र में ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल संचालित हो रही है। शिकायत में कहा गया है कि इस स्कूल में छोटे बच्चों को शिक्षा देने के नाम पर मजाक किया जा रहा है। कक्षा एक से चार तक के बच्चों को सुबह 7:20 पर स्कूल बुलाया जाता है और 11:10 पर ही उनकी छुट्टी हो जाती है। इस बीच एक घंटे का रिसेस भी रहता है ।जाहिर है इतने कम समय में पढ़ाई के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति की जाती है । शिकायत में बताया गया कि वार्षिक परीक्षा में भी स्कूल में तरह-तरह के चोचले करवाए जा रहे हैं । कभी पतंग बनाने के लिए सामान लाने को कहा जा रहा है तो कभी क्राफ्ट और अन्य बहाने से अभिभावकों के जेब पर बोझ डाला जा रहा है । कहा गया है कि स्कूल में पढ़ाई दोयम दर्जे की है लेकिन फीस में लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती। छोटे बच्चों तक से 1000 से डेढ़ हजार रुपए की फीस ली जा रही है, जो किसी भी मध्यम वर्ग के परिवार के लिए बहुत ज्यादा है। इसके बाद भी अगर फीस पटाने में दो दिन की भी देरी हो जाए तो फिर ₹50 प्रतिदिन का पेनल्टी भी लिया जाता है।
इन आरोपों से भी खतरनाक आरोप यह लगाया गया है कि राष्ट्रीय पर्व जैसे 15 अगस्त, 26 जनवरी और शिक्षक दिवस पर बच्चों को अपनी संस्कृति और देश से जोड़ने की भावना उत्पन्न करने की बजाय उन दिनों में कक्षा एक से चार तक के बच्चों को छुट्टी दी जाती है और वे राष्ट्रीय पर्व मनाने से वंचित रह जाते हैं ।शिकायतकर्ता पंकज कुमार मरावी, राघवेंद्र रजक, शुभम, प्रवीण आदि ने कलेक्टर को जानकारी देते हुए बताया कि ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल में शिक्षक दिवस भी 5 सितंबर की बजाय 6 सितंबर को मनाया जाता है और यह कार्यक्रम बहतराई स्थित ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल में आयोजित होता है। स्कूल की सभी महिला टीचर से दबाव पूर्वक फिल्मी गानों में स्कूल के डायरेक्टर के सामने नृत्य करवाया जाता है, और जो भी महिला टीचर ऐसा करने से मना करती है ,उसकी 2 दिन की सैलरी काट ली जाती है । सैलरी कटने के दबाव में महिला टीचर शिक्षक दिवस पर अनिच्छा होते हुए भी फूहड़ फिल्मी गानों पर नाचती है, जबकि कायदे से उस दिन उनका सम्मान होना चाहिए। शिक्षा के मंदिर के व्यापारीकरण और इसे अनैतिक कार्यों का अड्डा बताते हुए इसके खिलाफ तत्काल कार्यवाही की मांग की गई है। कहा गया है कि अगर शीघ्र कार्यवाही ना हुई तो फिर इसके खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा।

