
कैलाश यादव

स्कूल शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन को बार-बार सचेत करने के बावजूद अब भी जिले में तमाम जर्जर भवनों में शाला का संचालन किया जा रहा है, जिससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों पर हर वक्त खतरा मंडरा रहा है। ऐसे ही एक जर्जर स्कूल का छठ ढह गया। शासकीय प्राथमिक शाला बन्नाक डीह में शनिवार सुबह करीब 10:00 बजे जर्जर भवन के स्टाफ रूम का छत गिर गया। जिस वक्त यह हादसा हुआ, उस वक्त बच्चे प्रार्थना कर रहे थे और सभी शिक्षक शाला प्रांगण में मौजूद थे ,जिसके कारण कोई बड़ी दुर्घटना नहीं घटी, लेकिन अगर यही छत छात्र किसी और समय गिरती तो जनहानि भी संभव थी। छत इस कदर जर्जर थी कि छत के टूट कर गिरने के बाद कमरे से आसमान दिखने लगा। छत का प्लास्टर कई जगह से उखड़ गया है, और सरिया स्पष्ट नजर आ रहे हैं। जिसकी सूचना विकासखंड अधिकारी को दी गई।

वैसे यह पहला मामला नहीं है जब किसी स्कूल भवन में इस तरह की घटना घटी है। पिछले दिनों निरीक्षण में भी कई स्कूल भवन जर्जर पाए गए थे, लेकिन तमाम निर्देशों को नजरअंदाज कर अब भी ऐसे जर्जर भवनों में ही स्कूल का संचालन किया जा रहा है। वैसे यह भी पहला मामला भी नहीं है जब बन्नाक डीह के प्राथमिक शाला में छत टूट कर गिरा है। इससे पहले भी 7 अक्टूबर 2021 को दूसरी कक्षा के छत का प्लास्टर गिर गया था। उस वक्त भी सौभाग्य से बच्चे भोजन कक्ष में थे, इसलिए किसी प्रकार से बच्चों को कोई चोट नहीं लगी, उस वक्त भी अधिकारियों को पत्र लिखकर शाला भवन की मरम्मत और जीर्णोद्धार की मांग की गई थी, जिस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिस कारण से शनिवार को एक बार फिर से यह दुर्घटना घटी । पता नहीं क्यों शिक्षा विभाग बच्चों और शिक्षकों की जान के साथ इस तरह का खिलवाड़ कर रहा है ?
