रेडियम बेल्ट एवं ईयर टैगिंग कार्य के लिए अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी, जप्त बैल बैगा बिरहोर आदिवासियों की बांटे जाएंगे


बिलासपुर, हाईकोर्ट के निर्देश पर जिले के राजमार्गों में घुमंतू पशुओं को रात्रि में होने वाले दुर्घटनाओं को रोकने हेतु लगातार रेडियम कॉलर बेल्ट एवं ईयर टैगिंग का कार्य जा रहा है। साथ ही सिंग वाले पशुओं में एक परत रेडियम पट्टी चिपकाने का कार्य किया जा रहा है, ताकि पशु रात्रि में दूर से ही दिखाई दे सके। इसके लिए पशु चिकित्सा विभाग द्वारा सघन अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में उक्त कार्यों के लिए पशु चिकत्सा विभाग द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों के अलग-अलग हिस्से हेतु टीम बनाकर नोडल अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें भोजपुरी-पेण्ड्रीडीह-बोदरी एवं बोदरी-बिलासपुर मार्ग के लिए डॉ. ए.के. त्रिपाठी, नगर निगम सीमा अंतर्गत आने वाले मार्गों के लिए डॉ. रामनाथ बंजारे एवं डॉ. अमित तिवारी, सेंदरी-रतनपुर मोड़ के लिए डॉ. अजय अग्रवाल, पेंडारी-बिल्हा-दर्रीघाट मोड़ के लिए डॉ. रंजना नंदा, दर्रीघाट-पाराघाट मार्ग के लिए डॉ. पी.के. अग्निहोत्री, पेंड्री-सकरी-सेंदरी मार्ग के लिए डॉ. अजय पटेल, सकरी-तखतपुर मार्ग के लिए डॉ. हेमंत नेताम एवं रतनपुर मोड़-बेलतरा के लिए डॉ. बीपी साहू को नोडल अधिकारी बनाया गया है।


इधर जिला प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों एवं प्रमुख मार्गों से घुमन्तू पशुओं को हटाने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में बड़ी संख्या में आवारा पशुओं को जप्त कर रखने के लिए जिले के रहंगी और मोपका गौठान प्रमुख केन्द्र बनाया गया है। जप्त किए गए पशुओं को उनके मालिकों द्वारा निर्धारित समयावधि में नहीं ले जाने पर इन्हें विशेष पिछड़ी जनजातियों को सौंपे जाने का निर्णय लिया गया है। इसमें स्वस्थ नर सांड पशुओं को जिले के बैगा बिरहोर जनजातियों के सदस्यों को कृषि कार्य में उपयोग हेतु बैलजोड़ी इकाई के रूप में निःशुल्क वितरण किया जाएगा। बैलजोड़ी मिलने से उन्हें कृषि कार्य में बहुत मदद मिलेगी और उनके जीविकोपार्जन में भी वृद्धि होगी। कलेक्टर द्वारा उक्त कार्य के समुचित क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा बैलजोड़ी इकाई का चयन एवं हितग्राहियों को इकाई वितरण का कार्य किया जाएगा। नगर निगम को बैलजोड़ी इकाईयों को वितरण हेतु काउ कैचर वाहन से रहंगी गौठान से वितरण स्थल तक पहुंचाने का कार्य दिया गया है, वहीं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को शिविर आयोजन कर वितरण में आवश्यक सहयोग एवं नवीन हितग्राहियों के चयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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