

बिलासपुर के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक सदर बाजार स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में गुरुवार को अपूप अर्थात मालपुआ उत्सव मनाया गया।
शास्त्रों में ऐसा वर्णन है कि भगवान विष्णु को मालपुआ बहुत ही प्रिया है , ऐसे मैं पुरुषोत्तम मास अर्थात अधिक मास जो कि भगवान नारायण का प्रिय महीना है जो हर तीन साल में आता है ,इस परम मंगलकारी ,कल्याणप्रद पुरुषोत्तम मास में मालपुआ (अपू्प) का भगवान को भोग लगाकर दान करने का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है ।

मान्यता है कि पुरुषोत्तम मास में मालपुआ दान करने से लक्ष्मी नारायण भगवान प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते है।
मालपुआ दान करने से स्वास्थ मैं सुधार , धन वैभव की वृद्धि , घर में शांति की प्राप्ति होती है ।
अधिक मास मैं कृष्ण पक्ष की अष्टमी , नवमी एवं चतुर्दशी तिथि को मालपुआ दान का विधान है ।
विधि अनुसार किसी स्वर्ण या चांदी, या कांसे के पात्र में 33 मालपूए श्री लक्ष्मी नारायण भगवान को भोग लगाकर दान करने का विधान शास्त्रों में है ।
अधिक मास में किया गया हर पुण्य कार्य का 10 गुना फल होता है । कहते हैं अधि मास में मालपुआ दान करने से पृथ्वी दान करने का फल प्राप्त होता है ।

अधि मास के 30 दिनों के 30 मालपूए और हमसे जो तीन अपराध बनते है 1) अपने मान (बहन ,बेटियो के घर ) में भोजन करने से ।
२) अपने गुरु गृह में भोजन करने से
३) सूतक वाले घर में भोजन करने
इन तीनों पापों का इससे प्रायश्चित होता है ।
भागवत भ्रमर श्री अभिनव गोपाल शरण जी महाराज के नेतृत्व में सदर बाजार स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में मालपुआ उत्सव मनाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। पूजा अनुष्ठान के पश्चात सभी भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया।

