

उपरोक्त विषय अंर्तगत आदेशानुसार डी पी विप्र महाविद्यालय के प्रशासन समिति के अध्यक्ष अनुराग शुक्ला प्राचार्य डॉ.अंजू शुक्ला , डाॅ मनीष तिवारी डॉ.तमबोली के मार्गदर्शन में प्रो.दीपक कुमार कश्यप एवम् छात्र सतीश, बलवंत, सूरज, दिनेश ,भरत तथा छात्रा साक्षी, अन्नू कर्ष,निक्की ,समृद्धि को अचानकमार टाइगर रिजर्व बर्ड मीट के लिए भेजा गया ATR में विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न ट्रायलो पर पक्षियों का पहचान किया गया और कैमरा की सहायता से उनका फोटोग्राफ लिया गया और अंत में पक्षी सरक्षण तथा उनके बचाव के बारे में बताया गया मनुष्य की तरह पृथ्वी पर पशु पक्षियों का जीवन भी प्रकृति की ही देन है। धरती पर जितना अधिकार पशु पक्षियों का होता है, उतना ही मनुष्य का होता है। लेकिन आज मनुष्य ने पशु पक्षियों का जीवन पर एक संकट की तरह मंडरा रहे हैं क्योंकि हमारे देश में अधिक जनसंख्या बढ़ रही है। इस वजह से लोग वनों को काट रहे हैं।पशु पक्षियों का घर और उनका जीवन वनों में ही मिलता हैं। बढ़ती जनसंख्या के कारण मनुष्य वनों का विनाश करते जा रहे हैं। जिससे पशु पक्षी बेघर हो रहे है क्योंकि मनुष्य पशु पक्षियों के लिए संकट की तरह बन गया है। वही उनके घर को छीने जा रहा है। कुछ लोग तो पशु पक्षियों को बंधक बनाकर उनको अपने मनोरंजन के लिए व्यापार के लिए भी काम में लेते हैं।
आज हमारे देश में पशु पक्षियों की प्रजातियां विलुप्त होती जा रही हैं। सभी लोगों को जागरूक ऊपर पशु पक्षियों का संरक्षण करना बहुत आवश्यक है। लोग अपने घरों में मनोरंजन के लिए, पशु पक्षियों को पिंजरे में कैद कर लेते हैं। सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए यह सब चीजें बहुत गलत है।

जिस प्रकार सर्कस में जानवरों को पिंजरे में कैद कर लिया जाता है। मांसाहार के लिए भी लोग जानवरों को काट काट कर खाए जा रहे हैं। इससे हमारे पशु पक्षियों का जीवन बहुत संकट में है, और ऐसा लगता है कि धीरे-धीरे यह पशु पक्षियों की सभी प्रजातियां विलुप्त हो जाएगी। अगर मनुष्य इसी प्रकार से पशु और पक्षियों को मारने के लिए व्यापार के लिए मनोरंजन के लिए लगा रहा था, तो सब पशु पक्षियों का जीवन संकट में हो जाएगा।
