रेलवे में नौकरी लगाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को पुलिस ने पकड़ा, चोरी और बलात्कार के आरोपी भी पकड़े गए

चोरी

रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर 91 लाख की ठगी करने वाला आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ा है। बाकायदा गिरोह बनाकर यह लोग बेरोजगारों को रेलवे में नौकरी लगाने का झांसा देते थे। जांजगीर निवासी प्रमोद मरकाम की मुलाकात एक परिचित के माध्यम से 2022 में उरला के आशीष बंजारे उर्फ राहुल से हुई थी। उसने खुद को रेलवे का अधिकारी बताते हुए 13 लोगों को झांसा देकर ग्रुप डी में भर्ती कराने की बात कही। प्रति उम्मीदवार उसने सात-सात लाख रुपए लिए। आशीष बंजारे ने प्रमोद और अन्य लोगों को मिलने डीआरएम ऑफिस बुलाया। कुछ लोगों से मिलवाया और फिर फॉर्म जमा कराया । उन्हें मेडिकल जांच के लिए बिलासपुर ले गया। जांच के लिए भी पैसे लिए। फिर सभी को रायपुर बुलाया। ठगों ने बेरोजगारों की भावना से खेलते हुए उन्हें बाकायदा 45 दिन तक फाटक खोलने और बंद करने की ट्रेनिंग भी दी। ठग गिरोह के साथ रेलवे गेटमैन भी शामिल था, जिसने बेरोजगार युवकों को यह ट्रेनिंग दी। सभी को कुछ महीने बाद फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया गया। इसकी जानकारी होने पर पुलिस में शिकायत की गई, लेकिन आरोपी फरार था। बताया जा रहा है कि इस गिरोह में 4 से ज्यादा लोग शामिल है। फिलहाल पुलिस ने गिरोह के सरगना आशीष बंजारे को पकड़ लिया है।

सिविल लाइन पुलिस दो चोरों को पकड़ने में कामयाब हुई है ।घटना 20 जुलाई की है। यमुनानगर मंगला में रहने वाले बुजुर्ग कार्तिक राम ध्रुव के घर में चोर चोरी करने घुसे थे। इस दौरान उन्होंने रुपए पैसे की मांग करते हुए मारपीट भी की। इसकी शिकायत के बाद से पुलिस चोरों की तलाश कर रही थी। चोरी और मारपीट के आरोप में कुदुदंड माता चौरा निवासी तुलसी सारथी और 27 खोली पंप हाउस के पास रहने वाले नुतेश मिश्रा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने बलात्कार के आरोप में करपीहा कोटा निवासी खगेश्वर पोर्ते को भी गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उसने शिवम होटल कंपनी गार्डन के पास युवती के साथ शारीरिक शोषण किया है।

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