गुरद्वारा श्री गुरु सिंह सभा दयालबंद में सिखों के आठवीं गुरु श्री हरकृष्ण साहिब जी का प्रकाश पूरब बड़े हैं श्रद्धा भावना के साथ मंगलवार को पंजाबी सेवा समिति एवं गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सहयोग से मनाया गया। यह पर्व पंजाबी सेवा समिति द्वारा हर वर्ष गुरुद्वारा में विशेष दीवान सजाकर मनाया जाता है । इस वर्ष भी विशेष तौर पर श्री अमृतसर से हजूरी रागी जत्था 2 दिन से गुरुद्वारा में कीर्तन द्वारा साध संगत को निहाल कर रहे थे, जिसकी संपूर्णता आज 11 जुलाई को रात के विशेष दीवान की समाप्ति के साथ हुई। समाप्ति के बाद गुरु का अटूट लंगर बरताया गया, जिसमे 1500 से 2000 सांगतो ने लंगर छका।
यह दीवान सुबह एवं शाम 7:00 बजेसे 9:30 तक सजाया गया।
श्री हरकृष्ण साहिब जी जिनकी उम्र केवल 5 साल 3 महीने थी सिख धर्म के सबसे कम उम्र वाले गुरु अपनी भक्ति भावना सेवा अपने गुरु पिता की आज्ञा का पालन करने की गुणों की वजह से गुरता गद्दी प्राप्त हुई। 1664 मे जब दिल्ली में महामारी फैल गई तो उन्होंने दुखी गरीब बीमार लोगों की खूब सेवा की और स्वयं भी ज्योति ज्योत समा गए ।
इस पर्व को मनाने हेतु पंजाबी सेवा समिति के अध्यक्ष रोमिंदर सिंघ अजमानी एंव सभी सदस्य मनदीप सिंघ ,जसबीर सिंघ ,रंजीत सिंघ ,अजीत सिंघ,सतविंदर गांधी, मनजीत सिंघ, अमनदीप सिंघ ,जसविंदर सिंघ, गुरभेजचावला ,परमजीत सिंघ ,हरमिंदर सिंघ ,हरजीत सिंघ, गुरचरण सिंघ ,जगदीप सिंघ मक्कड़, परमिंदर सिंघ, अमोलक सिंघ, , रणवीर सिंघ, अजीत सिंघ, अमोलक सिंघ, नरेंद्र पाल सिघं, प्रीतम सिंघ एवं गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सभी सदस्य नरेंद्र पाल सिंघ गांधी जगमोहन सिंह महेंद्र सिंघ ,सुरेंदर सिंह छाबड़ा , जोगेन्दर सिंह गंभीर, अमरजीत सिंह दुआ, अमोलक सिंह टुटेजा, नरेंद्र सिंघ सलूजा,एवं हेड ग्रंथि मान सिंघ का विशेष सहयोग रहा।