मोपका में सरकारी जमीन पर बन रहे अवैध मकान को निगम के अतिक्रमण दस्ते ने ढहाया, भारी विरोध का भी करना पड़ा टीम को सामना

सरकारी जमीन पर अवैध रूप से पक्का निर्माण किया जा रहा था। जब नगर निगम अतिक्रमण का दस्ता बुलडोजर लेकर अवैध निर्माण हटाने पहुंचा तो जमकर हंगामा किया गया । मोपका में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर मकान बनाने की कई शिकायतें सामने आ चुकी है। विवेकानंद नगर में भी मनीषा सिंह और उसके प्रति पी सिंह द्वारा कॉलोनी की सरकारी जमीन और निस्तारी रास्ते में अवैध कब्जा कर मकान बना दिया गया था। अब मौका देखकर पति-पत्नी यहां पक्का निर्माण करा रहे थे, जिसकी शिकायत कॉलोनी के लोगों ने किया था। मोपका के विवेकानंद नगर कॉलोनी में अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश तहसीलदार कोर्ट ने दिया था, जिसके बाद नगर निगम के अतिक्रमण शाखा प्रभारी प्रमिल शर्मा के साथ टीम मौके पर पहुंची। टीम के साथ पुलिस भी मौजूद थी।

अवैध निर्माण हटाने के दौरान मनीषा सिंह और उसके पति ने नगर निगम की टीम के साथ जमकर दुर्व्यवहार किया। यहां तक कि वे बुलडोजर के सामने आ गए लेकिन पुलिस ने उन्हें हटाकर अवैध निर्माण ढहा दिया। विवेकानंद नगर में कई भू माफिया सक्रिय है जिन्होंने सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया है। जिनके द्वारा दस्तावेजों में कूट रचना कर दूसरे लोगों को जमीन बेची जा रही है। इसकी शिकायत पर सरकारी जमीन को बेजा कब्जा से मुक्त कराने तहसीलदार ने आदेश दिया है। जिसके बाद गुरुवार को कार्यवाही की गई। इधर लोगों के आने-जाने के रास्ते पर कब्जा कर मकान बनाने वाली मनीषा सिंह ने उल्टा आरोप लगाया कि उनके खिलाफ एक पक्षीय कार्रवाई हुई है। उन्हें नोटिस नहीं दिया गया। बड़ा सवाल यह है कि आखिर सरकारी जमीन पर बेजा कब्जा कर लोगों के आने-जाने के रास्ते पर मकान बनाने के मामले में नोटिस देने की जरूरत भी क्या है ?
सड़क पर मकान बनाने वालों को यह समझना होगा कि एक न एक दिन उनका अवैध कब्जा हटा दिया जाएगा। जो लोग इस मुगालते में है कि उनका मकान ग्रामीण क्षेत्रों में है, उन्हें पता होना चाहिए कि बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र में शामिल होने के बाद अब उनके ग्राम में भी शहर की तरह अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कभी भी हो सकती है।

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