आकाश दत्त मिश्रा
मधुबन रोड स्थित शिखावाटीका और शिखा पब्लिक स्कूल के संचालक 68 वर्षीय दयालबाग मधुबन रोड निवासी छेदीलाल कश्यप ने अपने बहू बेटे और बहू के रिश्तेदार की प्रताड़ना से तंग आकर 24 मार्च को खुदकुशी कर ली थी। उनकी लाश नवनिर्मित मकान में फांसी के फंदे पर लटकती मिली थी ।जांच में पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला था, जिसके आधार पर पुलिस ने मृतक छेदीलाल के ही बेटे विक्रम कश्यप और बहू पूनम कश्यप के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पता चला कि संपत्ति के बंटवारे को लेकर बेटा और बहू बुजुर्ग को तंग कर रहे थे, जिनका साथ आदतन बदमाश और पूनम कश्यप का रिश्तेदार ऋषभ पनीकर दे रहा था। आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में विक्रम कश्यप को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
जांच के दौरान पता चला कि विक्रम और उसकी पत्नी पूनम, छेदीलाल को बहुत प्रताड़ित कर रहे थे, उनकी गैरमौजूदगी में शिखावाटीका के दो कमरों का ताला तोड़कर विक्रम और पूनम पनीकर ने कब्जा कर लिया था। पुलिस की मदद से कमरे तो खाली हो गए लेकिन फिर विक्रम और पूनम ने अपने ही पिता की गुंडों से पिटाई करवा दी। छेदीलाल के बेटे और बहू के मददगार बन कर ऋषभ पनीकर और उसके साथी लगातार बुजुर्ग को परेशान कर रहे थे। यहां तक कि उन्हें अपने ही मकान में रहने नहीं दिया जा रहा था। इस मामले में दयालबंद का कुख्यात बदमाश ऋषभ पनिकर भी आरोपी था ।
ऋषभ का नाम इससे पहले भी जमीन विवाद के चलते तोरवा निवासी व्यापारी की हत्या का प्रयास करने के मामले में आ चुका है। इसने ही प्रॉपर्टी डीलर नरेंद्र मोटवानी के साथ मिलकर एक जमीन खाली करवाने के लिए मां बेटे का अपहरण कर लिया था। ऋषभ पनिकर की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर उसने थाने में हंगामा मचाया। इसके बाद पुलिस उसका जुलूस निकालकर जेल पहुंची। इससे पहले भी पुलिस ने कुख्यात बदमाश ऋषभ पनिकर का जुलूस निकाला था। बताया जा रहा है कि इस मामले में गिरफ्तारी से बचने ऋषभ पनिकर जगन्नाथ पुरी, रायपुर, राजनांदगांव और नागपुर के अलावा नेपाल में भी छुपा हुआ था, जिसे पुलिस ने नागपुर से ढूंढ निकाला।