बंगला यार्ड , बारह खोली चौक, स्टेशन रोड, दुर्गा पंडाल के पास आयोजित श्री श्री सोलापुरी माता पूजा उत्सव का विधिवत समापन सोमवार को वापसी राटा पूजा के साथ हुआ। 20 अप्रैल को राटा पूजा के साथ ही आयोजन का आरंभ हुआ था। श्री श्री सोलापुरी माता पूजा सेवा समिति द्वारा विगत 23 वर्षों से यह आयोजन किया जा रहा है, जिसमें मां सोलापुरी के अलग-अलग स्वरूप की प्रतिदिन स्थापना कर उनकी पूजा-अर्चना की गई। रविवार को देवी का प्रतीकात्मक विसर्जन किया गया।
शाम को खड़कपुर से आए पुजारी पार्थसारथी ने गीली हल्दी से मां सोलापुरी की प्रतिमा निर्मित की, जिनका पारंपरिक श्रृंगार मोगरे की मालाओ से किया गया। बारिश भी श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं कर सकी। इस वापसी शोभायात्रा में ढाई हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। परंपरा अनुसार पारी- पारी से छह बाल पुजारी देवी की प्रतिमा अपने सर पर धारण कर शोभायात्रा की अगुवाई करते रहे। बैंड बाजा, ढोल, ताशा, आतिशबाजी के साथ शोभायात्रा पंडाल से आरंभ हुई और उन्हीं मार्गो से होकर अपने पड़ाव मां मरी माई मंदिर पहुंची जिन रास्तों से यह शोभायात्रा 21 अप्रैल को पूजा पंडाल पहुंची थी। रास्ते भर शोभायात्रा के स्वागत की तैयारी में भक्त पलक पावड़े बिछाये खड़े थे। इस शोभायात्रा का स्वागत बारहखोली चौक, वायरलेस कॉलोनी, डबल स्टोरी वायरलेस कॉलोनी, ड्राइवर कॉलोनी, उर्दू स्कूल मैदान, कंस्ट्रक्शन कॉलोनी, गणेश मंदिर, बड़ा गिरजा चौक, बंगला यार्ड, राम मंदिर, हेमू नगर चौक, मोहन बिल्डिंग आदि स्थानों पर किया गया। पूरे रास्ते भर नीम की पत्तियों से तोरण द्वार सजाए गए थे। महिलाओं ने मां के स्वागत के लिए रास्ते में फूलों की रंगोली सजाई थी, तो वही देवी की प्रतीक्षा में महिलाएं हल्दी नीम युक्त जल का कलश लेकर प्रतीक्षा करती रही। देवी के पहुंचते ही उन्होंने इस जल से उनका अभिषेक किया। हर बार की तरह इस बार भी रास्ते भर श्रद्धालु सड़क पर लेट कर अपने ऊपर से शोभा यात्रा को गुजरने देते रहे। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। एक बार फिर नगर भ्रमण करते हुए और सभी भक्तों को अपना दर्शन देते हुए देर रात करीब 1:30 बजे देवी लोको कॉलोनी स्थित मां मरी माई मंदिर पहुंची, जहां देवी का प्रतीकात्मक विसर्जन किया गया।
इसके पश्चात सोमवार को पुजारी पार्थसारथी ने समापन राटा पूजा किया। आयोजन समिति के अध्यक्ष वी रामाराव ने कहा कि इस वर्ष आयोजन कई मायनों में अभूतपूर्व रहा। उन्होंने आयोजन के सफल संचालन के लिए जिला प्रशासन और दानदाताओं के साथ समिति के सभी सदस्य और पदाधिकारियों का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि अभी से अगले वर्ष के आयोजन की तैयारी आरंभ हो चुकी है, जिसे और भी भव्य बनाने की योजना है।
आयोजन को सफल बनाने में आयोजन समिति के अध्यक्ष वी रामा राव, सचिव एस साई भास्कर (पार्षद), बी शंकर राव, डी भास्कर राव (वासु), डी गणेश, प्रभाकर, टी गिरधर राव, एस रंगम साई, जी योगेश्वर राव (यश), प्रवीण, पी तुशाल, साई अभिषेक, सूरज प्रधान, देवी चरण, अमन सिंह,जयंत कुमार, लंका श्रीणु, डी दिलेश्वर राव, सी नवीन कुमार, जी काशी राव, सी श्रीनिवास राव (गब्बर),मुरली सूरी, संदीप, साई हरीश, मेहुल बंगारू, राहुल बंगारू, नरेश, दिवाकर, बी संतोष माधवराव, एमवके पटनायक, देवेंद्र राठौर, जयशंकर, नारायण राव राजपूत, अन्नपूर्णा , गौरी डॉली सागर, सुमन, वर्षा रूही, दामिनी,उषा, रमा देवी दिव्या शर्मा, कोमल सिन्हा, संजना, पद्मावती, सुशीला, गीता, भावना, भवानी, धर्मा राव, ईश्वर राव, रमना राव, कृष्णा आदि का योगदान रहा।