उसलापुर सड़क चौड़ीकरण के लिए बेजा कब्जा हटाने की कार्यवाही को पक्षपातपूर्ण कार्रवाई बताते हुए एक बार फिर नमिता ऋषि ने किया विरोध, इसे बताया अदालत की अवमानना

आकाश दत्त मिश्रा

उसलापुर सड़क चौड़ीकरण में बाधा बन रहे निर्माण को तोड़े जाने की कार्यवाही पर भेदभाव का आरोप लगाया जा रहा है। रेलवे की जमीन पर करीब 34 बेजा कब्जा हो रखे हैं, पिछले दिनों नगर निगम में इनमें से 27 को तोड़ दिया। शनिवार को यहां सड़क चौड़ीकरण के लिए बेस बनाने के लिए गड्ढा खोदा जाने लगा तो एक बार फिर नए सिरे से विवाद खड़ा हो गया। खसरा नंबर 1552 की शासकीय जमीन पर किसी ने गार्डन, किसी ने दुकान तो किसी ने पेट्रोल पंप बना रखा था। सड़क चौड़ीकरण में बाधक बन रहे निर्माण को हाईकोर्ट के निर्देश पर तोड़ा गया, हालांकि इनमें से 5 लोगों ने हाई कोर्ट से स्टे ले लिया, इसलिए उनका निर्माण अब भी बरकरार है। इधर सड़क बनाने के लिए बेस की खुदाई करने जब शनिवार को नगर निगम की टीम पहुंची तो कार्यवाही में भेदभाव का आरोप लगाते हुए नमिता ऋषि और उनके बेटे ने आपत्ति जताई।


नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार नमिता ऋषि के घर के सामने मशीन से खुदाई करने पर उन्होंने हंगामा किया और कार्यवाही में बाधा डालने की कोशिश की। इधर नमिता ऋषि का आरोप है कि निगम के अधिकारी पक्षपात कर रहे हैं। इसी बेजा कब्जा में 3 लोगों को बाउंड्रीवाल हटाने के लिए टाइम दिया गया लेकिन उनके बाउंड्रीवाल को जबरन तोड़ दिया गया। आज भी पास के ही राजेंद्र सिंघानिया और डीडी बजाज को 21 मीटर पर बाउंड्रीवाल बनाने की अनुमति दी गई है जबकि उनका 37 मीटर तक निर्माण तोड़ दिया गया। नमिता ऋषि ने बताया कि उन्होंने इस मामले में हाईकोर्ट की शरण ली है, जिस पर कमिश्नर को 25 अप्रैल को एफिडेविट देने का आदेश दिया गया था। 27 अप्रैल तक जवाब नहीं देने पर कोर्ट ने 3 मई को एफिडेविट देने को कहा है।

यह मामला कोर्ट में लंबित है और इसी बीच नगर निगम के प्रमिल शर्मा, जुगल ठाकुर अपने साथ करीब 40 को लेकर पहुंचे और जबरन काम शुरू कर दिया। नमिता ऋषि ने यहां एक ही परिवार को टारगेट करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम भेदभाव छोड़कर एक साथ सब के निर्माण तोड़े, जिसके बगैर सड़क बनना संभव ही नहीं है। जब कुछ लोगों को मोहलत दी जा रही है तो फिर उनके साथ ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है। इधर नगर निगम के अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि सड़क निर्माण के लिए बेस खोदे जाने के दौरान उन पर ईंट से हमला करने की कोशिश हुई है।


रेलवे की जमीन पर निगम के कब्जे के बाद अब यहां सड़क चौड़ीकरण किया जाना है, जिससे कि मंगला चौक से सीधे उसलापुर ओवरब्रिज तक पहुंचा जा सके लेकिन अभी यहां बाधक बन रहे सभी निर्माणों को नहीं तोड़ा जा सका है ।वहीं पहली नजर में ही साफ दिख रहा है कि नमिता ऋषि के निर्माण को अधिक गहरे तक तोड़ दिया गया है , इसलिए नमिता ऋषि की शिकायत वाजिब जान पड़ रही है । मामला हाईकोर्ट में होने के बावजूद सड़क निर्माण शुरू करना नमिता ऋषि के अनुसार अदालत की अवमानना है, इसे लेकर उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!