

हिंदू मान्यताओं में अक्षय तृतीया परम शुभकारी मुहूर्त है, इसलिए इस तिथि पर शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं पड़ती। यही कारण है कि अक्षय तृतीया पर गुड्डे गुड़ियों के विवाह के साथ बड़ी संख्या में लोग दांपत्य सूत्र में बंधते हैं। अक्षय तृतीया पर देश भर में गुड्डे गुड़ियों का विवाह करने की परंपरा है, लेकिन कुछ ना समझ अपने नाबालिक बच्चों को भी गुड्डा गुड़िया समझकर उनका विवाह इस अवसर पर करते हैं। बिलासपुर पुलिस को भी शनिवार रात को सूचना मिली कि बरखदान देवरी खुर्द में दो नाबालिगों का विवाह किया जा रहा है। तुरंत पुलिस ने मामले को संज्ञान में लिया और एक टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने समझाइश देकर और सख्ती दिखाते हुए इस बाल विवाह को रोका। पुलिस के साथ बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी भी थे, जिन्होंने बच्चों के माता-पिता को समझाया कि कम उम्र में विवाह के क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं और यह कानूनन अपराध भी है।

