


बांग्ला कैलेंडर के प्रथम मास वैशाख की पहली तिथि को बांग्ला नववर्ष यानी पहिला बैशाख के रूप में मनाया जाता है। सभी नव वर्ष की तरह बांग्ला नववर्ष में भी लोग आने वाले वर्ष के सुख समृद्धि कारक होने की कामना करते हैं। बताया जाता है कि मुगल सम्राट अकबर ने 1584 में बंगाली कैलेंडर पेश किया था। बंगालियों को आपस में जोड़ने के उद्देश्य के साथ बनाए गए इस कैलेंडर की एक विशेषता यह है कि यह हिंदू सौर कैलेंडर को हिजरी चंद्र कैलेंडर के साथ भी जोड़ता है। पोहिला बैसाख इस वर्ष शनिवार 15 अप्रैल को मनाया जा रहा है। बंगाल में इस दिन एक दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं देने के साथ उपहार देने की परंपरा है। इस दिन लोग घरों में तरह तरह के पकवान बनाते हैं, जिसमें अलग-अलग मिष्ठान और मछली की डिश शामिल होती है। इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।

बिलासपुर में बड़ी संख्या में रहने वाले प्रवासी बंगाली भी अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं , जिनके द्वारा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बिलासपुर में बांग्ला नववर्ष को धूमधाम से बनाने की तैयारी है। छत्तीसगढ़ बंगाली समाज द्वारा तोरवा स्थित बांग्ला भवन में समारोह का आयोजन किया जाएगा । शाम 6:00 बजे से ही कार्यक्रम का आगाज होगा। जहां रविंद्र संगीत, सुगम संगीत की प्रस्तुति होगी। जिसके पश्चात समाज के प्रतिभागी बांग्ला डांस प्रस्तुत करेंगे । कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल भी शामिल होंगे, जिनके द्वारा कार्यक्रम के प्रतिभागियों और समाज के विशिष्ट जनों का सम्मान किया जाएगा। इस अवसर पर प्रीतिभोज का भी आयोजन किया जाना है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में छत्तीसगढ़ बंगाली समाज के प्रदेश अध्यक्ष आर एन नाथ, प्रदेश महासचिव पल्लव धर, पार्थो चक्रवर्ती, शंकर दत्ता, पूर्ति धर, ए के गांगुली, शुभेंदु धर, सुमित बनर्जी, रंजीत बोस, डॉ एसके मजूमदार, अनूप विश्वास, शंभूनाथ दास, अचिंतो कुमार बोस, नारायण चंद्र डे, कल्पना डे , सरस्वती नाथ, चुमकी चटर्जी , मिठू मजूमदार, श्यामली डे, गोपा दत्ता, अरुंधति मुखर्जी, सुनीता विश्वास, चंद्रा चक्रवर्ती, राखी गुहा, प्रोनोति बारीक, गीता दत्ता, माला दास, मीता दत्ता, प्रीति डे आदि जुटे हुए हैं।


