यूनुस मेमन
रतनपुर!
,,,,,,,,,, नवमी तिथि के अवसर पर माँ महा माया देवी का साढ़े 3 किलो सोने के आभूषणों के साथ राजसी सिंगार किया गया जिसमे माँ महामाया देवी का सिद्धिदात्री स्वरूप में स्वर्ण मुकुट,रानी हार,कुंडल, करधन, पायल सोला सिंगार के साथ कुल सवा तीन किलो सोने के आभूषणों से महामाया देवी का राजसी श्रृंगार सुबह पांच बजे किया गया। सिद्धिदात्री स्वरूप में माँ महामाया के इस दिव्य रूप को देखने श्रद्धालु देर रात तक बड़ी तादात में महामाया मंदिर रतनपुर पहुँचते रहे। इस अवसर पर माँ महामाया को 56 प्रकार के नैवैद्य भी अर्पित किये गए तथा सामूहिक नवरात्रि के दौरान अष्टमी तिथि पर देवी महामाया की विशेष पूजा के बाद हवन कर पूर्णाहुति दी गई। इसी के साथ मंदिर में सहस्त्र धारा कन्या भोज व ब्रम्ह भोज के साथ नवरात्रि पर्व का समापन हुआ।
नवमी तिथि के अवसर पर माँ महा माया देवी का साढ़े 3 किलो सोने के आभूषणों के साथ राजसी सिंगार किया गया जिसमे माँ महामाया देवी का सिद्धिदात्री स्वरूप में स्वर्ण मुकुट,रानी हार,कुंडल, करधन, पायल सोला सिंगार के साथ कुल सवा तीन किलो सोने के आभूषणों से महामाया देवी का राजसी श्रृंगार सुबह पांच बजे किया गया। सिद्धिदात्री स्वरूप में माँ के इस दिव्य रूप को देखने गुरुवार को सुबह से ही श्रद्धालुओं का महामाया मंदिर रतनपुर में तांता लगा हुआ है। इस अवसर पर माँ महामाया को सुबह 11 बजे 56 प्रकार के नैवैद्य भी अर्पित किये गए तथा सामूहिक पुष्पांजलि अर्पित कर विश्व कल्याण की कामना की गई। इसी के साथ मंदिर में सहस्त्र धारा कन्या भोज व ब्रम्ह भोज के साथ नवरात्रि पर्व का समापन हुआ