

श्री पीताम्बरा पीठ सुभाष चौक सरकंडा बिलासपुर छत्तीसगढ़ स्थित त्रिदेव मंदिर में चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी का स्कंदमाता के रूप में पूजन,श्रृंगार किया गया। मंदिर के पीठाधीश्वर आचार्य दिनेश जी महाराज ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार, तारकासुर नाम का एक राक्षस था, जिसका आतंक बहुत बढ़ गया था। लेकिन तारकासुर का अंत कोई नहीं कर सकता था,क्योंकि भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय के हाथों की उसका अंत संभव था,ऐसे में मां पार्वती ने अपने पुत्र स्कंद यानी कार्तिकेय को युद्ध के लिए प्रशिक्षित करने के लिए स्कंदमाता का रूप धारण किया। स्कंदमाता से युद्ध का प्रशिक्षण लेने के बाद कार्तिकेय ने तारकासुर का अंत किया,स्कंदमाता की उपासना संतान प्राप्ति हेतु अवश्य की जानी चाहिए।

26/03/2023 को मां पीताम्बरा पीठ के प्रांगण में देवी भागवत कथा के अवसर पर स्वामी विशोकानंद भारती जी महाराज ने कहा कि सुख प्राप्ति में देवी भागवत की कथा सुगम साधन है,भगवान कृष्ण का गुफा में चले जाने से उनके सेवक वापस लौट आए थे।जिससे वासुदेव एवं देवकी जी को बड़ा दुख हुआ था नारद जी की कृपा से देवी भागवत कथा के श्रवण से वासुदेव जी का दुख सुख में बदल गया था साथ ही भगवान कृष्ण को तथा वासुदेव देवकी जी को कंस के कारागार से मुक्त कराने के लिए गर्ग जी ने वासुदेव जी से सेवा कराया था तथा विंध्याचल पर्वत पर जाकर भगवती की उपासना की थी दुर्गा सप्तशती के पाठ और नवारण मंत्र के जाप देवी भक्त वासुदेव जी को मुक्त करने के लिए तथा भगवान कृष्ण की सुरक्षा के लिए पहले से ही वृंदावन में पधार गई थी।

पीताम्बरा मां बगलामुखी देवी की उपासना विशेष रूप से वाद-विवाद, शास्त्रार्थ,मुकदमें में विजय प्राप्त करने के लिए,आकारण कोई आप पर अत्याचार कर रहा हो तो उसे रोकने,सबक सिखाने,बंधन मुक्त संकट से उद्धार,उपद्रवो की शांति, ग्रह शांति एवं संतान प्राप्ति के लिए विशेष फलदाई है।
इस अवसर पर काशी से पधारे हुए स्वामी सच्चिदानंद सरस्वती जी महाराज सहित पीताम्बरा पीठाधीश्वर दिनेश जी महाराज एवं नगर के गणमान्य नागरिक सहित भक्तजन उपस्थित थे।
