

बेटे- बहू और उनके रिश्तेदार की प्रताड़ना से तंग आकर स्कूल एवं शादी भवन संचालक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। बुजुर्ग ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। दयालबंद मधुबन रोड निवासी 68 वर्षीय छेदीलाल कश्यप शिखा पब्लिक स्कूल और शिखा वाटिका शादी भवन के संचालक थे। बिलासपुर में उनका एक हॉस्टल भी है। शादी भवन के करीब ही उनका पुराना ऑफिस है, जहां नया ऑफिस बन रहा है। उनके इसी ऑफिस में फांसी के फंदे पर लटकती उनकी लाश मिली उनकी। उनकी पोती जब उन्हें बुलाने ऑफिस गई थी तो उसने दादा का शव फांसी पर लटका देखा।
तलाशी के दौरान पुलिस को ऑफिस में दो पन्ने का सुसाइड नोट मिला है ,जिसमें छेदीलाल ने अपने बड़े बेटे और बहू के साथ ही उनके एक आदतन अपराधी रिश्तेदार का नाम लिखा है। सुसाइड नोट के अनुसार ससुराल वालों के साथ मिलकर बड़ा बेटा, बहू उनकी संपत्ति पर कब्जा करना चाह रहे थे। बेटा हिस्सा देने के लिए लगातार दबाव बना रहा था । काफी दिनों से मामला विवाद में था।
जांच में पता चला कि छेदीलाल कश्यप के तीन बेटे हैं। विक्रम ,विकास और विनय में से बड़े बेटे विक्रम ने दयालबंद में प्रेम विवाह किया है, जिसके बाद से उसने विवाद करना शुरू कर दिया । वर्तमान में भी वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अलग रहता है। बाकी दोनों बेटे पिता के साथ ही रहते हैं। फिलहाल शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। पुलिस सुसाइड नोट हैंडराइटिंग मिलान की बात कह रही है जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
