क्या सचमुच इसी सत्र से प्रदेश में पास हो पाएगा पत्रकार सुरक्षा कानून ? सबसे अहम सवाल कि क्या इस कानून से पत्रकारों को सचमुच मिल सकेगी कोई सुरक्षा ? विधायक शैलेश पांडे ने उठाया मुद्दा

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बिलासपुर विधायक श्री शैलेश पांडे के द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में सदन को जानकारी दी कि पत्रकार सुरक्षा कानून को विधानसभा के इसी सत्र में पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह जानकारी अपने विभागीय बजट पर चर्चा में दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सरकार संवेदनशील है। श्री शैलेश पांडे ने सवाल पूछा था कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की शासन की क्या योजना है.? और क्या पत्रकारों के लिए किसी प्रकार के भूखंड का आवंटन किया गया है… और कितने पत्रकारों को इसका लाभ मिला है..? इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि पत्रकार सुरक्षा कानून विधानसभा के इसी सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा। यह जानकारी भी दी गई कि पिछले 4 सालों में बिलासपुर के पत्रकारों के लिए किसी तरह के भूखंड का आवंटन नहीं किया गया है ।

जहां तक पत्रकार सुरक्षा कानून की बात है तो यह बेहद जरूरी है क्योंकि सरकार खुद ही अपनी आलोचना बर्दाश्त नहीं कर पाती और सच लिखने वाले पत्रकारों को पुलिस जब चाहती है तब घर से उठा लेती है। भले ही उनके पास कोई ठोस वजह हो या ना हो। इसी तरह राजनीतिक पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता अक्सर पत्रकारों पर दुराग्रह के साथ हमने करते हैं। अपने खिलाफ सच लिखे जाने से नाराज अधिकारी उन्हें प्रताड़ित करने से बाज नहीं आते। यहां तक कि अपराधी और माफिया भी उनकी खबरों पर उन्हें नोटिस भेजकर डराने का प्रयास करते हैं। उम्मीद की जा सकती है कि पत्रकार सुरक्षा कानून में इन सभी पहलुओं से पत्रकारों को सुरक्षा दी जाएगी, ताकि निर्भीक होकर लोकतंत्र का चौथा स्तंभ सच लिख, बोल सकें।

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