महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर सरकंडा श्री पितांबरा पीठ में की जा रही है 108 किलो वजनी पारद शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा

बिलासपुर । महाशिवरात्रि पर आज विधि विधान से पितांबरा पीठ सरकंडा में 108 किलो वजनी पारद शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही हैं। भगवान का वास होने के पश्चात आज महा महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक एवं चार पहर की पूजा अर्चना की जा रही है। ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय का अखंड जाप लगातार किया जा रहा है। वैद्यनाथ धाम से पधारे आचार्य गिरधारी वल्लभाचार्य, के आचार्यत्व में जप चल रहा है।

आज प्रातः काल से ही भगवान शिव का रुद्राष्टाध्याई के द्वारा के मंत्रों के द्वारा भगवान का पूजा अर्चना अभिषेक किया जा रहा है। कल प्रातः काल तक अष्टाध्याई के मंत्रों से आचार्यों के द्वारा अभिषेक किया जाएगा। कल प्रातः प्रभात बेला तक यह मंत्र जाप पूजा-अर्चना चलती रहेगी ‌ तत्पश्चात महा न्यायाधीश क्रम को पूरा करते हुए भगवान शिव की भगवान पारद शिवलिंग की पारदेश्वर महादेव की प्रतिष्ठापना कल महा आरती के साथ मध्यान्ह में पूर्ण होगी। सवा लाख दीपक की आरती के साथ महा आरती के साथ भगवान का महा अभिषेक किया जाएगा। आज प्रातः काल से ही पितांबरा पीठ में पूजा अर्चना करने भक्तों की कतार लगी हुई है। भक्तों को प्रसाद का वितरण भी किया जा रहा है।

आचार्य सुभेष शर्मन ने बताया कि चार प्रकार की पूजा होगी। भगवान की चार पहर की चार पहर की पूजा होंगी, जिसमें विशेष रूप से तीर्थ ओदक शोधक दुग्ध ओदक और एक सूरत से भगवान का चार अलग-अलग पैरों में अभिषेक होगा। और इनकी विशेषता यह है कि जब हम अपने उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हैं तो भगवान का तीर्थोदक कराते हैं । जब हम लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए भगवान का अभिषेक करते हैं तो इच्छुक रस से भगवान का अभिषेक करते हैं। जब हम संतान वृद्धि और वंश वृद्धि परिवार की एकता के लिए काम करते हैं तो हम कामना करते हैं तो भगवान का दुग्ध अभिषेक करते हैं। वैसे तो सभी अभिषेक सभी प्रकार के पदार्थ भगवान को घर आए हैं लेकिन विशेषता यह है कि भगवान का दर्शन कराया जाता है अभिषेक किया जाता है तो भगवान आपको इस संपूर्ण संसार में सभी सुखों को प्रदान करते हुए आप को मोक्ष प्रदान करते हैं। हमारे शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार भगवान गणपति मोदक से प्रसन्न होते हैं। भगवान सूर्य से प्रसन्न होते हैं भगवती जगत जननी जगदंबा माता स्तुति से प्रसन्न होती है । और भगवान विष्णु से प्रसन्न होते हैं लेकिन भगवान शिव की विशेषता है कि वह अभिषेक से जल्द से प्रसन्न होते उनका आशीर्वाद प्रदान करते हैं और आप देखिए भगवान को चढ़ता है जिसे सामान्य दृष्टि से तो जा सकते हैं लेकिन भगवान उन पर जो है वह धतूरे के फल को चढ़ाते हैं तो उसमें कांटे होते हैं और आप उससे भी आगे अगर चिंतन करेंगे भगवान को धतूरे चढ़ता है सिद्धांत है यह है हम श्मशान में निवास करते हैं। भगवान को जब भस्म में लगाने का सिद्धांत दिया है कि संसार नश्वर है

महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानद भारती की उपस्थिति में पारद शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा से शहर प्रदेश छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश का एक बड़ा अनुष्ठान पितांबरा पीठ शक्तिपीठ में होने जा रहा है । उन्होंने कहा कि पारदेश्वर भगवान से ही हम संकल्प से बने हैं इससे संपूर्ण संसार आच्छादित होता है।
। उन्होंने कहा कि पितांबरा पीठ में देवों के देव महादेव का वास होगा शंकर भगवान सदा रहता है यहां शिव शक्ति का समन्वय से पितांबरा पीठ में शिव शक्ति का समन्वय होगा । पितांबरा पीठ के आचार्य पंडित दिनेश चंद शास्त्री की पहल पर पितांबरा पीठ सरकंडा में पारद शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है। कलमहाशिवरात्रि पर पारद शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में अधिवास पूजा किया जा रहा है। इस विशेष अनुष्ठान को वैदिक विधि-विधान सेवैद्यनाथ के श्री गिरधारी वल्लभ के आचार्य में संपन्न किया जा रहा है। । इस अवसर पर दिल्ली से अखिल भारतीय संत समिति धर्म समाज के राष्ट्रीय संयोजक सुभेष शर्मन तथा पितांबरा पीठ के आचार्य दिनेश चंद्र पांडे ने आज ने आज अपने हाथों से भक्तों को प्रसाद भी बांटे। ।महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर कल चार पहर में अभिषेक पूजन एवं 11000 बेलपत्र द्वारा पूजन किया जा रहा है। एवं ओम नमः शिवाय मंत्र का अखंड जाप प्रारंभ होगा । पितांबरा पीठ के आचार्य दिनेश चंद्र पांडे महाराज ने शहर वासियों से अनुरोध किया है कि अखंड जाप में भाग लेकर उनके भागी बने।

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