सिविल लाइन पुलिस ने नशीले कफ सिरप की भारी खेप पकड़ी है। इसे प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही बताया जा रहा है। पुलिस को इस अवैध कारोबार की काफी समय से जानकारी थी, जो किसी बड़े डील की प्रतीक्षा कर रही थी। जैसे ही पुलिस को सूचना मिली कि नशे के कारोबारी भारी मात्रा में कोडीन युक्त कफ सिरप मंगा चुके हैं तो रेड कार्यवाही की गई। इस मामले में जांजगीर के तीन आरोपी और बिलासपुर से एक ट्रांसपोर्टर पकड़ा गया है।


बताया जा रहा है कि आरोपियों द्वारा 100 कार्टून नशीला कफ सिरप कोरेक्स मंगाया गया था, जिसे राहुल ट्रांसपोर्टर ने अपने गोदाम में छुपा कर रखा और थोड़ा थोड़ा कार्टून ग्राहकों को उपलब्ध करा रहा था। इस मामले की जानकारी आरक्षक सरफराज को थी, जिस जानकारी के आधार पर पुलिस ने यह कार्यवाही की ।

नशे का कारोबारी बिना नंबर प्लेट के स्प्लेंडर प्लस मोटरसाइकिल में नशीले सामान का परिवहन कर रहा था । पुलिस ने इस आरोपी को नशीला कफ सिरप बेचते रंगे हाथों पकड़ा।
बताया जा रहा है कि नशीले कारोबार का तार चेन्नई से जुड़ा हुआ है। इस कोडीन युक्त कफ सिरप की फैक्ट्री उत्तराखंड में होने की बात सामने आई है, जिसे चेन्नई की कंपनी से रायपुर में ट्रांसपोर्टर की मदद से मंगाया गया था, जहां से बिलासपुर लाकर नशीले सिरप को खपाया जा रहा था । पकड़े गए 8400 नग यानी 70 कार्टून सिरप की कीमत 15 लाख रुपए बताई जा रही है। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी डीलर पेंड्री जांजगीर निवासी महेंद्र साहू के साथ पामगढ़ निवासी सत्यनारायण अग्रवाल, तिफरा सिरगिट्टी निवासी रोशन लाल मिश्रा, ग्राहकों को माल उपलब्ध कराने वाले पामगढ़ निवासी राजकुमार केवट को पकड़ा जो महाराणा चौक के पास व्यापार विहार में माल की सप्लाई कर रहा था।

इस बड़ी कार्यवाही के पीछे थाना प्रभारी परिवेश तिवारी के साथ एसआई सुमेंद्र खरे, ए एस आई दिलाराम मनहर, कॉन्स्टेबल सरफराज खान, विकास यादव ,देवेंद्र दुबे ,राजेश नारंग और अन्य पुलिसकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पुलिस टीम के इस सराहनीय प्रयास के लिए एसएसपी ने ₹5000 इनाम देने की भी घोषणा की है।

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