बिलासपुर के मामा भांचा तालाब को भूमाफियाओं द्वारा 50 टुकड़ों में बेच दिए जाने के मुद्दे पर भारतीय युवा कांग्रेस ग्रामीण ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

आकाश मिश्रा

खबर अब यह है कि भू माफियाओं की नजर शहर के तालाबों पर भी गड़ गई है। शहर के बीचो बीच मौजूद 7 एकड़ का मामा भांजा तालाब 50 टुकड़ों में बिकने की खबर है। जमीन दलाल राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर शहर की पहचान मामा भाचा तालाब का अस्तित्व मिटाने में जुटे हुए हैं। राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार मामा भांचा तालाब कुल 7 एकड़ में फैला है जिसमें से 6 एकड़ की जमीन अलग-अलग लोगों को बेच दी गई है । तालाब का खसरा नंबर 213 है जो कि राजस्व रिकार्ड में पानी के रूप में दर्ज है। कुल मिलाकर मामा भांजा तालाब अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है।

अब इस मुद्दे पर भारतीय युवा कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। भारतीय युवा कांग्रेस के पदाधिकारी जिला अध्यक्ष ग्रामीण की अगुवाई में कलेक्टर से मिले और मामा भाचा तालाब को संरक्षित कर भू माफियाओं से बचाने की गुहार लगाई। कलेक्टर से मिलकर छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों ने कहा कि राज्य एवं केंद्र सरकारें सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करते हुए सभी तालाबों को बचाने का काम करते हुए तालाबों का सौन्दर्यकरण कर रही हैं, लेकिन बिलासपुर के दो तालाब जिन्हे हम मामा भांजा तालाब के रूप में जानते हैं उसे लेकर प्रशासन का उदासीन रवैया आम लोगों के मन में संदेह पैदा कर रहा हैं।


इन दो अलग अलग तालाबों में से एक तालाब जो टिकरापारा में था उसका तो अस्तित्व ही समाप्त कर दिया गया है और दूसरा तालाब जो शिव टॉकीज के सामने है उसे खुलकर लोग मिट्टी पाटकर अतिक्रमण करते हुए दुकान और मकान बना रहे है।

आवेदन में कहा गया कि अनदेखी का आलम ये है कि इस तालाब को भू माफिया खरीद फरोख्त करने से भी बाज नहीं आ रहे है और इस तालाब का छोटे छोटे टुकड़ों में रजिस्ट्री की जा रही है जिस पर कलेक्टर कार्यालय से तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है।


जिस तरह से सरोवर धरोहर योजना एवं स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के माध्यम से बिलासपुर के दूसरे तालाबों को खूबसूरत बनाकर डेवलप किया जा रहा है उसी तरह मामा भांजा तालाब को भी अतिक्रमण मुक्त कर पुराने स्वरुप में लाने की जरुरत है युवा कांग्रेस बिलासपुर जिला ग्रामीण ने इस मुद्दे पर तत्काल कार्यवाही की मांग की है, और आगे भविष्य में तालाब को बचाने जनहित में हर संभव आंदोलन कर तालाब के पुनरुद्धधार के लिए हर सार्थक प्रयास करने की भी बात कही है।

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