आगामी धार्मिक अनुष्ठानों को लेकर कोदंड रामालयम एवं बालाजी मंदिर में हुई समिति की विशेष बैठक

बिलासपुर, रेल्वे परिक्षेत्र, एन ई कालोनी में स्थित श्री रामजी एवं श्री बालाजी मंदिर के ऑफिस में मंदिर प्रबंधक समिति के द्वारा आने वाले धार्मिक अनुष्ठान, पूजा, अर्चना, भजन कीर्तन हेतू एक आवश्यक बैठक किया गया।

इस बैठक में यह निर्णय लिया कि पोंगल कि तैयारी में पहले 14 जनवरी के सुबह 4 बजे मंदिर के मुख्य द्वार के सामने लकड़ी इकट्ठा कर जलाया जायेगा जिसे दक्षिण भारतीय भोगी कहते हैं। इसी दिन सुबह 5 बजे भगवान श्री बालाजी के मुलमूर्तियों का महाभिषेकम किया जावेगा। इसी दिन सुबह 9 बजे भगवान श्री बालाजी कल्याणम किया जावेगा दंपतियों के द्वारा सामूहिक। इसके बाद महाप्रसाद चक्रपोंगली का वितरण किया जावेगा।

भोगी, मुलमूर्ति के महाभिषेकम एवं श्री बालाजी कल्याणम का महत्व पंडित श्री सूर्य प्रकाश शर्मा एवं श्री नाराययन्न आचार्लु के अनुसार – भोगी पोंगल के पहले दिन दक्षिण भारतीय राज्य में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। यह मुख्य रूप से बादलों के देवता भगवान इंद्र के सम्मान में मनाया जाता है। किसान भगवान इंद्र की पूजा करते हैं और उनके लिए अच्छी बारिश, फसल और समृद्धि लाने का आशीर्वाद मांगते हैं। इसलिए इस दिन घर का साफ सफाई कर घर के पुराने चीजों को जलाकर नष्ट करते हैं ताकि घर का नकारात्मक नष्ट हो और घर का सकारात्मक वातावरण बना रहे। ।………….. भगवान श्री बालाजी मुलमूर्ति का महाभिषेक एवं श्री बालाजी कल्याणम का महत्व – धनुर्मास 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक मनाया जाता है 30 दिनों तक। इस धनुर्मास में भगवान विष्णु की उपासना का महत्व होता है। इन दिनों अन्य उत्सव जैसे शादी, मुंडन आदि करना निषेध माना जाता है। इन दिनों विष्णु भगवान के श्लोकों का उच्चारण किया जाता है। पूर्व जन में भूमि देवी ने भगवान विष्णु से पूछा कि आप कैसे प्रसन्न होते हैं ? तब भगवान ने कहा मेरी पूजा कर स्त्रोत का पाठ करने से मैं प्रसन्न होता हूँ इसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए भूमि देवी ने गोदाम जी के रूप में जन्म लिया हैं। इसलिए धनुर्मास के एक महीना गोदाम्बा देवी जी कि पूजा अर्चना हल्दी कुंमकुंम से किया जाता है। भगवान श्री बालाजी का इस एक माह अभिषेक नहीं किया जाता है। 14 जनवरी को भगवान श्री बालाजी कि मुलमूर्ति का महाभिषेकम कर और श्री बालाजी कल्याणम कर सम्मापन किया जावेगा। यह धनुर्मास उत्सव हर वर्ष किया जाता है।

15 जनवरी को मकर संक्रांति किया जावेगा। इस दिन परिवार के स्वर्गवास प्रियजनों के नाम से दान दक्षिणा दिया जाता है उनकी आत्मा की शांति के लिए पंडित जी के द्वारा पूजा पाठ करवाया जाता है मंदिर में आ कर।।…………………………… 10 फरवरी को एक दिवसीय ब्रम्हउत्सव किया जाएगा। इसी दिन सामूहिक कल्याणम और दोपहर 12 बजे महाप्रसाद अन्नदान श्रद्धालुओं में वितरण किया जावेगा।….……………………………………..18 फरवरी को सामूहिक महाशिवरात्रि पूजा। 18 फरवरी को सुबह 6 बजे से 19 फरवरी के सुबह 6 बजे तक भजन कीर्तन। 18 फरवरी के रात्री 12 बजे सामूहिक रुद्राभिषेक किया जावेगा। पूजा सामग्री मंदिर प्रबंधक के द्वारा दिया जायेगा।……………………………………..जो भी श्रदालु पूजा करवाना चाहते हैं तो मंदिर के पंडित जी से मुलाकात कर अपना नाम, गोत्र लिखवाकर पूजा का स्थान, समय सुनिश्चित कर ले।……………………………………… पूजा अर्चना एवं धार्मिक अनुष्ठान को नियम एवं सुचारू रूप से करवाने हेतू मंदिर समिति के सदस्य जिसमें सर्वश्री आर. वीरास्वामी (अध्यक्ष), पट्नायक विपिन प्रसाद (कार्यवाहक अध्यक्ष), एस. साई. भास्कर (सचिव), रविकन्ना ( सह सचिव), पी.धर्मा राव (कोषाध्यक्ष), ई. सिम्माचलम ( सह कोषाध्यक्ष), पंच प्रबंधक सदस्य (बी. शंकर राव, एल श्री निवास, प्रभाकर राव, जी. एस. प्रकाश टी. राजेश) ने निर्णय लिया।

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