
आलोक

एक तरफ विपक्ष शहर में बेहतर सुविधाएं मांगता है तो दूसरी और प्रशासनिक कार्यों में उसकी दखलअंदाजी भी जारी है। बिलासपुर में अवैध कब्जा कर बनाए गए 500 मकानों को तोड़ने मंगलवार को नगर निगम का अतिक्रमण दस्ता पहुंचा तो बेजा कब्जा धारियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। देखते ही देखते उनके समर्थन में भाजपा भी उतर आई ।
सड़क चौड़ीकरण करने के लिए सरकंडा इलाके में अवैध कब्जे में बने मकानों को तोड़ा जाना है, जिसके लिए उन्हें नोटिस जारी किया गया है। मंगलवार को नगर निगम का दस्ता करीब 500 मकानों को तोड़ने के लिए सरकंडा चांटीडीह स्थित मेंला पारा पहुंचा, यहां जैसे ही नगर निगम के कर्मचारियों ने काम शुरू किया मोहल्ले वासियों के साथ महिलाएं भी सड़क पर उतर आयी और जमकर विरोध शुरू हो गया। नगर निगम प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की जाने लगी।
इधर जानकारी मिलते ही भाजपा पार्षद विजय ताम्रकार के साथ बड़ी संख्या में भाजपाई मेला पारा पहुंच गए और नगर निगम की इस कार्रवाई का विरोध करने लगे। उन्हें जानकारी भी दी गई कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत इस स्थान पर चौपाटी और अन्य निर्माण होने हैं। वही बेजा कब्जा धारियों को नियमानुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन फिर भी विस्थापन की मांग के साथ भाजपाई नारेबाजी करते रहे।
अक्सर देखा जाता है कि विपक्ष शहर में विकास कार्यों को लेकर सरकार को निशाने पर रखता है लेकिन जाने अनजाने विपक्ष विकास में बाधक भी बनता है। मेला पारा ही नहीं सरकंडा के लिंगियाडीह स्थित अपोलो अस्पताल रोड को भी चौड़ा किया जाना है। यहां लोगों ने सड़क किनारे अवैध कब्जा कर रखा है ,उन्हें भी नोटिस जारी किया गया है। इन लोगों ने भी इस कार्यवाही का विरोध शुरू कर दिया है।

वैसे चांटीडीह मेला पारा में अवैध कब्जा कर बनाए गए 24 मकानों को पहले ही खाली करा लिया गया है , जो लोग पट्टे की जमीन पर रह रहे हैं, उन्हें नया मकान दिया जा रहा है और उनकी रजिस्ट्री जारी है। कुछ लोग इस कार्यवाही में अपनी नेतागिरी चमकाने का अवसर ढूंढ रहे हैं। नगर निगम के इंजीनियर सुरेश बरुआ ने साफ कहा कि कब्जा धारियों को एक और सप्ताह का समय दिया गया है, जिसके बाद यह कार्यवाही होकर ही रहेगी। विकास के कार्यों में किसी को बाधक नहीं बनने दिया जाएगा।
