



25 और 26 अगस्त की रात मस्तूरी क्षेत्र के गांव इटवापाली के प्राचीन ऐतिहासिक मांदर गणेश मंदिर से भगवान की बेशकीमती मूर्ति चोरी हो गई थी। रात में मंदिर में घुस आए कुछ लोगों ने मंदिर के पुजारी राम केवट के साथ मारपीट कर पिस्टल अड़ाकर उससे चाबी ले ली। फिर उसे बंधक बनाकर मंदिर की प्राचीन ऐतिहासिक मूर्ति को सब्बल से तोड़कर ले गए ।
इस मामले में पुलिस शुरू में पुजारी पर भी शक कर रही थी, तो वही साढ़े तीन माह बीत जाने के बावजूद पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लग रहा था। लेकिन पुलिस ने आस नहीं छोड़ी थी।
इसी दौरान मस्तूरी क्षेत्र के स्थानीय आरक्षक हेमंत सिंह को जानकारी मिली कि ग्राम चौहा के दो लड़के काले पत्थर के टुकड़े का सैंपल लेकर उसे मूर्ति का हिस्सा बताकर 4 करोड़ में मूर्ति बेचने के लिए ग्राहक ढूंढ रहे हैं । यह सुनते ही पुलिस के कान खड़े हो गए।

क्राइम ब्रांच प्रभारी हरविंदर सिंह ने स्वयं ग्राहक बनकर सौदा किया। आरक्षक गोविंद शर्मा को उत्तर प्रदेश कन्नौज का व्यापारी बताकर मूर्ति चोर युवराज टंडन से मुलाकात कराई गई। फिर सौदेबाजी शुरू हुई। मूर्ति का सौदा 2 करोड़ में तय हुआ। ग्राहक बनकर पहुंचे क्राइम ब्रांच के अफसर ने पहले मूर्ति दिखाने की मांग की। पुलिस की टीम 3 दिसंबर की रात 5 लाख के नकली नोट के साथ ग्राम चौहा पहुंची जहां एडवांस की रकम दिखाकर युवराज टंडन से पहले मूर्ति दिखाने की बात कही गई।
युवराज ने अपने दोस्त मोहताज सुमन को फोन कर मोटरसाइकिल से मूर्ति मंगवाई। मोहताब सफेद रंग के झोले में मोटरसाइकिल से मूर्ति लेकर आया और क्राइम ब्रांच की टीम को मूर्ति खोलकर दिखाई गयी। पुलिस को तो इसी वक्त का इंतजार था। तुरंत पुलिस की टीम ने दोनों को अपने कब्जे में ले लिया। कड़ाई से पूछताछ करने पर दोनों ने अपने तीन और साथियों के नाम उगल दिए।
पता चला कि पैसे के लालच में उन लोगों ने मूर्ति लूट की घटना को अंजाम दिया था। इस मामले को अंजाम देने में चौहा निवासी युवराज टंडन, मोहताब सुमन, चकरबेढ़ा निवासी निशांत उर्फ सचिन धृतलहरे, टिकारी निवासी अतुल भार्गव शामिल थे, जिनके पास से भगवान गणेश भावर की खंडित मूर्ति चार टुकड़ों में मिली है। साथ ही चांदी का मुकुट 31 टुकड़ों में , एक चिड़ीमार पिस्टल एक सब्बल और दो मोटरसाइकिल पुलिस ने बरामद की है। इस मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अतुल भार्गव अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है। इनमे अतुल भार्गव पुराना अपराधी है। करीब साढ़े 3 माह बाद पुलिस क्राइम ब्रांच के साथ इस मामले को सुलझाने में कामयाब हुई । अफसोस इस बात का है कि लालच में मूर्ति चोरों ने बेशकीमती और आस्था के प्रतीक प्रतिमा को चार टुकड़ों में खंडित कर दिया है।
वैसे पुलिस के लिए यह घटना कितनी महत्वपूर्ण थी इसे इसी से समझा जा सकता है कि मूर्ति के संबंध में सूचना देने वालों के लिए पहले ही इनाम की राशि घोषित की जा चुकी थी। पूरे मामले को सुलझाने में