कहते हैं कलयुग में भगवान भागवत में ही बसते हैं। भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है। सारे संशय दूर होते हैं। शांति और मुक्ति मिलती है। श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का अलौकिक और आध्यात्मिक विकास होता है। भागवत पुराण हिंदुओं के 18 पुराणों में से एक है, जिसका मुख्य विषय भक्ति योग है। श्रीमद्भागवत को मोक्षदायिनी भी माना जाता है। इसका आयोजन करना और इसका अंग बनना परम सौभाग्यकारी है। इसी सौभाग्य को इन दिनों गुरुनानक चौक स्थित श्री गोविंद इंस्टिट्यूट ऑफ़ लाइफ केयर हॉस्पिटल के नवनिर्मित भवन में श्रद्धालु प्राप्त कर रहे हैं। इस परिसर में शीघ्र ही लाइफ केयर हॉस्पिटल का संचालन होगा।
इससे पहले यहां 19 नवंबर से 26 नवंबर तक श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया है, जहां व्यासपीठ से भागवत मर्मज्ञ प्रयागराज के पंडित बटुक जी महाराज भागवत कथा का संगीतमय प्रवचन कर रहे हैं। यजमान डॉक्टर राम कृष्ण कश्यप और डॉ स्मिता कश्यप के साथ हर दिन दोपहर 3:00 से 7:00 बजे तक कथा श्रवण के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं । 19 नवंबर को कलश यात्रा के साथ आरंभ श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में बुधवार को श्री कृष्ण बाल चरित्र, माखन चोरी और गोवर्धन लीला का प्रसंग बहुत ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया। भक्ति संगीत में श्रद्धालु गोते लगाते दिखे।
इसी क्रम में गुरुवार को रासलीला, मथुरा आगमन और रुक्मणी विवाह का प्रसंग प्रस्तुत किया जाएगा। कथा का मोक्ष 26 नवंबर को होगा। इस अवसर पर हवन और भंडारे का भी आयोजन किया जाएगा।
हर दिन बड़ी संख्या में भगवान श्री कृष्ण के अनन्य भक्त कथा स्थल पहुंचकर कथा श्रवण का लाभ अर्जित कर रहे हैं। बुधवार को इसी क्रम में नेत्र रोग विशेषज्ञ और विश्व हिंदू परिषद के डॉ ललित मखीजा, सौमित्र गुप्ता दीपक सोनी विभूति पांडे नवल वर्मा, डॉ श्रीकांत गिरी, डॉ पल्लवी गिरी, सुरेंद्र कश्यप ओमप्रकाश कश्यप आदि पहुंचे और भागवत कथा का श्रवण किया।