नॉर्थ ईस्ट इंस्टिट्यूट मैदान में आयोजित हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बौद्धिक सभा , शहर के तीन हिस्सों से पथ संचलन कर पहुंचे स्वयंसेवक, आर एस एस के राम माधव ने संघ को बताया विश्व का सबसे बड़ा संगठन

रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने शहर के तीन अलग-अलग स्थानों से पथ संचलन करते हुए रेलवे नॉर्थ ईस्ट इंस्टिट्यूट ग्राउंड में इकट्ठा हुए। यहां आर एस एस के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य राम माधव ने इनका उद्बोधन के जरिये मार्गदर्शन किया। इस दौरान जिले की सभी शाखाओं के साथ-साथ नगर की 67 बस्तियों की भी सहभागिता रही। इस दौरान पथ संचलन कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक एवं बड़ी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित रहे जहां उन्होंने पूरा अनुशासन का पालन करते हुए आए हुए अतिथि को बड़े गौर से सुना।

इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य राम माधव ने कहा.. एक समय वह था जब आर एस एस को सांप्रदायिक दल कहा जाता था लेकिन आज हिंदू बनने की होड़ मची हुई है। कोई अपना गोत्र बता रहा है तो कोई अपना जनेऊ दिखा रहा है, ऐसे लोगों को भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने के लिए विवेकानंद जी की शरण में जाना पड़ा। उन्होंने कहा भारत जोड़ो पदयात्रा देश की आजादी के लिए प्राणों का बलिदान करने वाले वीर सावरकर को अछुत बताकर पूरा नहीं किया जा सकता आर एस एस अब 97 साल का हो गया है कुछ ही वर्ष बाद हम संघ का शताब्दी वर्ष मनाने जा रहे हैं। यह हमारे लिए गौरवपूर्ण है जितने भी लोग आर एस एस के विचारों से प्रभावित है वह देश के महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हैं। यह संघ के विचारों की स्वीकार्यता है। पूरे मैदान में पूर्ण गणवेश बैठे स्वयंसेवक अत्यंत अनुशासित नजर आए। कार्यक्रम का शुभारंभ संघ के गीत नमस्ते सदा वत्सले
मातृभूमें से प्रारंभ हुआ।

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