रतनपुर थाना क्षेत्र के दफाई पारा में रहने वाला संतोष कुमार निषाद राज मिस्त्री का काम करता है। फिलहाल वह सीपत क्षेत्र के पंधी में रहकर अपना गुजर-बसर कर रहा है । रतनपुर के पंजाब नेशनल बैंक में उसका अकाउंट है। वह बैंक से रकम निकालने के लिए रतनपुर पंजाब नेशनल बैंक पहुंचा था। विड्रोल फॉर्म जमा करने और ₹50000 निकालने के लिए वह लाइन में लगा था। इसी दौरान बैंक में पहुंचे 2 लोगों ने फॉर्म भरने के लिए राजमिस्त्री से पेन मांगा। बैंक से ₹50000 निकालने के बाद संतोष ने उन लोगों से अपना पेन वापस मांगा। इस दौरान उन दोनों ने अपने ₹4 लाख 50000 बैंक में जमा करने के लिए संतोष निषाद से मदद मांगी और उन्हें यह भी लालच दिया कि वे इसके लिए उसे कमीशन देंगे। कमीशन पाने की लालच में राजमिस्त्री उनकी मदद करने को तैयार हो गया। फिर दोनों उसे लेकर महामाया मंदिर चौक के पास पहुंचे। उन्होंने एक रुमाल में बंधे बंडल को दिखाकर बताया कि उसमें ₹4 लाख 50000 है। उसे राजमिस्त्री को देकर बैंक में जाकर जमा करने की बात कही। ठगों ने उसे झांसा देकर उसके ₹50000 खुद रख लिए और बैंक के पास मिलने की बात कही। इसके बाद ₹50000 लेकर ठग गायब हो गए।


राजमिस्त्री रुमाल में बंधे बंडल को लेकर बैंक पहुंचा और दोनों ठगों के आने का इंतजार करता रहा, लेकिन दोनों नहीं आए। इसके बाद राजमिस्त्री ने रुमाल खोल कर देखा तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई क्योंकि बंडल में रुपये नही ,कागज के टुकड़े थे। कमीशन के लालच में उसने अपने ₹50,000 भी गंवा दिए। इसके बाद उसने थाने पहुंचकर इसकी शिकायत दर्ज कराई है।

इसी तरह अनजान नंबर से आये फोन पर भरोसा कर कृषि विभाग का कर्मचारी ठगी का शिकार हो गया। मामला तोरवा थाना क्षेत्र के आरटीएस कॉलोनी का है। क्वार्टर नंबर 961/2 में रहने वाले वी वी राव राज्य कृषि विभाग में नौकरी करते हैं। मंगलवार शाम को उनके मोबाइल में अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने उनके बैंक अकाउंट से पैन कार्ड अपडेट करने की बात कही। साथ ही उनके मोबाइल पर एक लिंक भेजा और उसे क्लिक कर पैन कार्ड नंबर अपडेट करने को कहा। वी वी राव ने यूआरएल मैसेज को जैसे ही क्लिक किया उनके एसबीआई के अकाउंट से तीन बार ट्रांजैक्शन हुआ और ₹1 लाख 82 हज़ार 999 ट्रांसफर हो गए। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी और थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।

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