हाईकोर्ट का फैसला मजदूर संगठन के पक्ष में, एस ई सी एल प्रबंधन और रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन रायपुर उचित कार्यवाई करे – पी के राय महामंत्री

बिलासपुर / साउथ ईस्टर्न कोयला मजदूर कांग्रेस के जनरल सेक्रेट्री पी के राय और संगठन से जुड़े तमाम पदाधिकारी बुधवार को बिलासपुर प्रेस क्लब पहुंचे और हाईकोर्ट से उनके पक्ष में आए फैसले की सिलसिलेवार जानकारी दी। उन्होंने पत्रकारों को बताया की सन 2016 से न्याय की तलाश में वे कोर्ट के चक्कर लगा रहे थे जो अब उन्हें 2022 यानी 6 साल बाद सफलता मिली है। दरअसल पूरा मामला संगठन में मुखिया बनने को लेकर था। संगठन में अपना वर्चस्व दिखाने के लिए कोरबा के गोपाल नारायण सिंह ने विधान विरोधी कार्य किया। जिन्होंने दिल्ली में रहने वाले के के तिवारी एवं इंटक के कुछ लोगों से मिलकर आर्थिक गबन करने कूट रचना की,जबकि sekmc के अध्यक्ष बनने के लिए मैंने ही उनकी खूब मदद की थी।मगर उन्होंने मुझे ही चोरी छिपे साउथ ईस्टर्न कोयला मजदूर कांग्रेस से विधान में संशोधन करने के बाद निष्काषित कर दिया। जिसके खिलाफ पहले इंडस्ट्रियल कोर्ट गया उसके बाद हाईकोर्ट गया। जहां से मेरे पक्ष में आदेश पारित किया गया।

पी के राय ने बताया कि गोपाल नारायण सिंह और संपत कुमार शुक्ला दोनों ही संघ से निष्कासित पदाधिकारी हैं। उनके द्वारा लिए गए निर्णय अवैधानिक होगा। संस्था में मजदूरों द्वारा पेमेंट से चेक ऑफ सिस्टम के तहत दिया गया सदस्यता शुल्क जो बैंक में जमा था उसे एक मुफ्त में 32 लाख 50 हज़ार रुपए गोपाल नारायण सिंह द्वारा निकाल लिया गया। ईसका भी प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में लंबित है। हाईकोर्ट के पारित आदेश से खुश पदाधिकारियों ने अब secl प्रबंधन एवं रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन रायपुर द्वारा इस मामले में शीघ्र कार्यवाई करने की मांग की है। पत्रकारों से चर्चा के दौरान बीएन शुक्ला वरिष्ठ उपाध्यक्ष, विकास सिंह उपाध्यक्ष, विजय कुमार मौर्य, तरुण गोस्वामी, अशोक लोध, बसंत कुमार मिश्रा, तमाल कुमार चक्रवर्ती और अनिल दुबे मौजूद रहे।

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