श्री पितांबरा पीठ बगलामुखी मंदिर में महा अष्टमी पर किया गया कन्या पूजन और हवन

श्री पीताम्बरा पीठ सुभाष चौक सरकंडा में शारदीय नवरात्र उत्सव में स्थापित श्री मनोकामना घृत ज्योति कलश ,पीताम्बरा मांँ बगलामुखी देवी का विशेष पूजन,श्रृंगार ,जप ,यज्ञ श्री देवाधिदेव महादेव का रुद्राभिषेक एवं पीताम्बरा जपात्मक यज्ञ ब्राह्मणों के द्वारा निरंतर चल रहा है।आचार्य पं. दिनेश चंद्र पांडेय जी महाराज ने बताया कि महाष्टमी में महागौरी देवी को प्रसन्न करने के लिए कुंवारी कन्याओं का पूजन,भोजन एवं श्री पीताम्बरा यज्ञ श्री बगलामुखी मंत्र द्वारा हवन ब्राह्मणों के द्वारा आरंभ हुआ। कल नवरात्र की नवमी तिथि को माँ बगलामुखी देवी का सिद्धिदात्री देवी के रूप में पूजा आराधना किया जाएगा।
मांँ की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं।ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं नवरात्र के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। सृष्टि में कुछ भी उसके लिए अगम्य नहीं रह जाता है। ब्रह्मांड पर पूर्ण विजय प्राप्त करने की सामर्थ्य उसमें आ जाती है।
मार्कण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व- ये आठ सिद्धियां होती हैं। ब्रह्मवैवर्तपुराण के श्रीकृष्ण जन्म खंड में यह संख्या अठारह बताई गई है।अणिमा, लघिमा, प्राप्ति,प्राकाम्य,महिमा,ईशित्व, वाशित्व,सर्वकामावसायिता,
सर्वज्ञत्व , दूरश्रवण, परकायप्रवेशन,वाक्‌सिद्धि,
कल्पवृक्षत्व,सृष्टि, संहारकरणसामर्थ्य,अमरत्व, सर्वन्यायकत्व,भावना,सिद्धि।
मांँ सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों को ये सभी सिद्धियां प्रदान करने में समर्थ हैं। देवीपुराण के अनुसार भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियों को प्राप्त किया था। इनकी अनुकम्पा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण वे लोक में ‘अर्द्धनारीश्वर’ नाम से प्रसिद्ध हुए। माँ सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं। इनका वाहन सिंह है। ये कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं। इनकी दाहिनी तरफ के नीचे वाले हाथ में कमलपुष्प है। प्रत्येक मनुष्य का यह कर्तव्य है कि वह मां सिद्धिदात्री की कृपा प्राप्त करने का निरंतर प्रयत्न करें। उनकी आराधना की ओर अग्रसर हो। इनकी कृपा से अनंत दुख रूप संसार से निर्लिप्त रहकर सारे सुखों का भोग करता हुआ वह मोक्ष को प्राप्त कर सकता है।

उसके उपरांत आवाहित देवी, देवताओं के मंत्र द्वारा हवन किया जाएगा, तत्पश्चात इंद्रादि,दसदिगपाल बली, क्षेत्रपाल बली ,एवं श्री पीताम्बरा यज्ञ की पूर्णाहुति किया जाएगा।

अष्टमी कन्या पूजन में विशेष रुप से श्री संजय श्रीवास्तव श्रीमती निशा श्रीवास्तव (बहराइच उत्तर प्रदेश) श्री राजेंद्र अग्रवाल,श्रीमती रामी अग्रवाल,श्री हर्षवर्धन अग्रवाल(अधिवक्ता हाईकोर्ट) अदितिअग्रवाल, यशवर्धन अग्रवाल,शैवी अग्रवाल,श्रीमती गीता दुबे, आदि उपस्थित थे।

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