प्रेमिका की बेवफाई के चलते प्रेम कहानी का हुआ खौफनाक अंत, महबूबा को किसी और की बाहों में देखकर प्रेमी ने ही उतारा मौत के घाट , रायगढ़ हत्याकांड की गुत्थी सुलझी

यूनुस मेमन

बेवफा के इश्क में अपना होश गवा बैठे आशिक ने यह भी नहीं सोचा कि जो महिला उसके इश्क में अपने पति और बच्चों को छोड़ सकती है, वह किसी और की खातिर किसी दिन उसके साथ भी बेवफाई कर सकती है ।
लव, सेक्स और धोखा के इस कहानी का अंत बहुत ही भयावह रहा। रायगढ़ में अपने प्रेमी के साथ रहने वाली कांति की बड़ी बहन उसे लगातार फोन कर रही थी लेकिन फोन रिसीव नहीं हो रहा था। किसी अनहोनी की आशंका से वह 18 सितंबर को उसके घर गए दीवार फांद कर जब अंदर घुसी तो देखा कि जमीन से बहन की साड़ी और पैरों की उंगलियां बाहर निकली हुई है। उसने तुरंत इसकी खबर पुलिस को दी । पुलिस ने कब्र खोदकर कांति के शव को निकाला।


जशपुर के इलागांव की रहने वाले कांति और अजय दोनों ही शादीशुदा थे। कांति के दो बेटे थे तो प्रेमी खडेश्वर को भी एक बेटा और एक बेटी थी। लेकिन दोनों के सर पर पर इश्क का भूत चढ़ा तो दोनों ही सारे रिश्ते तोड़ कर 4 साल पहले 2018 में भागकर रायगढ़ आ गए थे ।जहां माझापारा में दोनों पति-पत्नी की तरह रह रहे थे। खगेश्वर यहां ड्राइवर का काम करता था। कांति के दोनों बच्चे पति के साथ जसपुर के इलागांव में रहते हैं वही खगेश्वर की पत्नी और बच्चे जशपुर जिले के कंडोरा में रहती है।


कांति की बड़ी बहन दिलेश्वरी यादव भी रायगढ़ में ही रहती है और दोनों के बीच अक्सर बातचीत हुआ करती थी, लेकिन पिछले काफी समय से उसका फोन स्विच ऑफ बताने से दिलेश्वरी परेशान हो गई और फिर कांति की हत्या का पता चला ।लेकिन खगेश्वर वहां नहीं था। इधर खगेश्वर के अस्पताल में भर्ती होने की खबर मिलने पर क्रांति के पिता उससे मिलने पहुंचे तो वह वहां से भी भाग गया। इसके बाद पुलिस का शक उस पर गहराने लगा। पुलिस महिला के प्रेमी खगेश्वर यादव को ढूंढने जशपुर जिले के कुनकुरी पहुंची तो वह घर पर नहीं मिला। खगेश्वर जंगल में बने कमरे में बैठकर शराब पी रहा था, जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पकड़े जाने पर उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि जिस प्रेमिका की खातिर उसने अपना परिवार, बच्चे, पत्नी सब छोड़ दिया ,वह किसी और की खातिर उसी से बेवफाई कर रही थी।

खगेश्वर, कांती यादव से बहुत प्यार करता था । उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि कांति उसके साथ बेवफाई करेगी । पुलिस को उसने बताया कि अगस्त महीने में अपनी दादी के दशगात्र संस्कार में वह कुनकुरी गया था। कांति उसके साथ नहीं गई थी। वह रायगढ़ में ही रुक गई थी। 14 अगस्त को जब खगेश्वर रायगढ़ लौटा तो घर का दरवाजा खुला देख अंदर चला गया, वहां के नजारे देख कर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई, क्योंकि उसकी प्रेमिका कांति यादव किसी पराए मर्द की बांहों में आपत्तिजनक हालत में मिली।
खगेश्वर को देखकर वह व्यक्ति भाग खड़ा हुआ। खगेश्वर ने जब कांति से उसके बारे में पूछा तो वह आनाकानी करने लगी। गुस्से में आकर खगेश्वर ने कांति का सर दीवार पर पटक दिया, जिसके चलते उसकी जान चली गई । दूसरे दिन खगेश्वर ने अपने घर के ही आंगन में गड्ढा खोदा और कांति की लाश को दफना कर फरार हो गया।
खगेश्वर यादव को अपनी प्रेमिका कांती यादव की हत्या पर जरा भी अफसोस नहीं है। वह कह रहा है कि बेवफा की यही सजा थी, उसे यह सोचना चाहिए था कि जो महिला उसकी वजह से अपने पति और बच्चों को छोड़ सकती है तो वह उसके साथ भी बेवफाई कर सकती है।

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