प्लास्टिक के विकल्प है बांस, शिल्प से बने बैग,थर्मस,ग्लास,कुर्सी यही परोलकोट पखांजूर की पहचान

पखांजूर से बिप्लब कुण्डू-18.9.22

पखांजूर–
पर्यावरण बचाने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया है । इसका बेहतर विकल्प बांस शिल्प से बने बैग , थर्मस , ग्लास , कप , ट्रे , साबुन केस , चम्मच , दाल घोटनी , कुर्सी , टेबल , मोढ़ा जैसे उत्पाद हैं । ये न केवल परलकोट की पहचान हैं बल्कि ग्रामीणों की अजीविका का भी साधन भी । दंडकारण्य प्रोजेक्ट के समय पीवी -81 में वर्ष 1980 में बांस शिल्प का प्रशिक्षण मात्र 15 लोगों को दिया गया । ये ही मास्टर ट्रेनर बन गए क्योंकि इनकी देखादेखी और भी लोग इस काम से जुड़ते गए । वर्तमान में 150 से अधिक परिवार इसी काम से जुड़ स्वरोजगार कर रहे हैं । श्रीवास मल्लिक , सुशांत विश्वास ने बताया प्रशिक्षण के बाद 6 सदस्यों को त्रिपुरा ले जाकर प्रशिक्षण दिया गया क्योंकि बांस शिल्प का सबसे अच्छा काम पूर्वोत्तर राज्यों में होता है ।

बांस से बनते 100 प्रकार के आइटम , देशभर में मांग ::-
बांस से झूला , सोफा , कुर्सी , टेबल के साथ 100 प्रकार के फैन्सी आइटम बनाते हैं । पूरे देश में परलकोट के बने फैंसी आयटम की बहुत मांग है । एसडीओ वनविभाग बांदे सुरेश पिपरे ने बताया वन विभाग बाजार उपलब्ध कराकर समान विक्रय में सहयोग प्रदान कर रहा है । देश भर में लगने वाले बड़े मेलों में परलकोट बांस शिल्प बिकने जाता है ।

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