आदिवासियों की 12 जातियों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किए जाने के बाद इसका श्रेय मुख्यमंत्री द्वारा लिए जाने पर डॉक्टर बांधी ने किया पलटवार

आलोक मित्तल

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता, मस्तूरी विधायक डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी ने आदिवासियों की 12 जातियों में मात्रात्मक गलती को सुधार कर अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने केंद्र सरकार के निर्णय के लिए मोदी सरकार का आभार जताया है।आदिवासियों की 12 जातियों में तकनीकी त्रुटि को दूर करते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें पूरी तरह से अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल करने की घोषणा कर दी है। इस मामले को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीते दिनों केंद्र सरकार को भेजे गए पत्र का हवाला देते हुए इसे अपनी उपलब्धि में गिनाया और कहा कि कांग्रेस सरकार के प्रयास से ही यह संभव हुआ है। मुख्यमंत्री के इस पत्र और बयान के बाद भाजपा में खलबली मच गई। अलग-अलग जगह में भाजपा के नेता मुख्यमंत्री के इस बयान को गलत बताने लगे। और सामने आकर पूर्व की डॉ रमन सिंह सरकार के कार्यकाल में इस संबंध में तमाम कागजी कार्यवाही पूरी किए जाने की सफाई देने लगे।बिलासपुर में भी प्रदेश भाजपा प्रवक्ता, मस्तूरी विधायक डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी ने भूपेश बघेल पर श्रेय लेने का आरोप लगाते हुए कहा की मुख्यमंत्री रहते उन्होंने सिर्फ पत्र लिखा जबकि इसके पहले तमाम प्रक्रियाएं भाजपा से जुड़े तमाम वरिष्ठ आदिवासी नेताओं द्वारा पूरी की गई थी।श्री बांधी ने कहाकि भूपेश बघेल ने सिर्फ पत्र लिखा हैं उन्होंने एक भी बार इस संबंध में प्रधानमंत्री से मुलाकात नहीं की है।आदिवासियों के हितैषी होने का दोनों प्रमुख पार्टी के नेता दावा कर रहे हैं मगर आदिवासी किसे अपना हितैषी मानते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से सिद्ध हो जाएगा।

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