भाजपा में काम नहीं करने वाले पदाधिकारियों को बाहर करने की तैयारी, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल ने ऐसे पदाधिकारियों की मंगाई सूची

आकाश मिश्रा

भारतीय जनता पार्टी 2023 विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह कमर कस चुकी है। प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश प्रभारी बदलने के बाद संगठन के प्रमुखों को भी बदल दिया गया। पुरानी टीम आलस से भरी हुई थी इसलिए नए और सक्रिय लोगों को महत्त्व दिया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी में भी ऐसे पदाधिकारियों की कोई कमी नहीं है जिन्होंने अपनी गाड़ी के आगे नेम प्लेट लगाने और सोशल मीडिया पर अपने स्टेटस में अपना पद लिखने के लिए पार्टी ज्वाइन की है। ऐसे निष्क्रिय पदाधिकारी सत्ता आने के साथ जागते हैं और सत्ता जाते ही गहरी नींद में चले जाते हैं। इनके लिए पार्टी नहीं अपना हित महत्वपूर्ण है। ऐसे में अब भारतीय जनता पार्टी उन सभी पदाधिकारियों को हटाने का इरादा कर चुकी है जो काम नहीं कर रहे।
पिछले दिनों बोरियाकला स्थित भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल ने समीक्षा बैठक ली। सभी पीकोष्ठों के कामकाज की समीक्षा करने के बाद उन्होंने प्रकोष्ठ के संयोजक और सहसंयोजक से बेलाग होकर कहा कि जो पदाधिकारी काम नहीं कर रहे हैं उन्हें तुरंत हटा दें। इससे पहले उन्होंने ऐसे निष्क्रिय और पार्टी पर बोझ बन चुके पदाधिकारियों की सूची मांगी है।

भारतीय जनता पार्टी अधिकांश राज्यों में मजबूत स्थिति में है। कॉन्ग्रेस उसे केवल छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनौती दे रही है। भाजपा का मानना है कि राजस्थान में उनकी वापसी आसान होगी, इस लिहाज से छत्तीसगढ़ी भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। यही वजह है कि अब पार्टी ने पूरी ताकत छत्तीसगढ़ में लगा दी है।
खुद को साबित कर चुके कार्यकर्ताओं को ही जवाबदेह पदों पर नियुक्त किया जा रहा है, जिनके द्वारा निचले स्तर के पदाधिकारियों की ऐसी टीम तैयार की जा रही है जो पार्टी के लिए समर्पित ,लगातार काम करने वाले हैं। पिछले साढे 3 सालों से सत्ता से बाहर होने के बाद पार्टी के अधिकांश कार्यकर्ता पार्टी से किनारा कर चुके हैं। उनके लिए शायद पार्टी का मतलब सत्ता का सुख लेना था। सत्ता जाते ही ऐसे पदाधिकारी बैठकों में भी नहीं आते, जमीनी स्तर पर कार्य करने की क्या कहें। अब ऐसे कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर गाज गिरने वाली है। इनकी सूची प्रदेश स्तर पर बनाई जा रही है , जिसके बाद प्रदेश संयोजक और प्रदेश महामंत्री के माध्यम से निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाकर उनके स्थान पर नए समर्पित और ऊर्जावान कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी। इस बैठक के बाद सभी प्रकोष्ठ के प्रमुख नई बॉडी बनाने में जुट गए हैं।

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