शारदीय नवरात्रि की व्यवस्था को लेकर रतनपुर मां महामाया मंदिर ट्रस्ट और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक, इस बार कालरात्रि पर श्रद्धालु कर सकेंगे देवी दर्शन, 25000 मनोकामना ज्योति कलश होंगे प्रज्वलित

यूनुस मेमन

रतनपुर,,,,,,आगामी 26 सितंबर से 4 अक्टूबर तक मनाये जाने वाले शारदीय नवरात्र की तैयारियों को लेकर सिद्ध शक्तिपीठ रतनपुर महामाया मंदिर ट्रस्ट के साथ प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक गुरुवार को मंदिर परिसर में संपन्न हुई। इस बैठक में मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष आशीष सिंह और अन्य पदाधिकारियों के साथ अतरिक्त कलेक्टर आर ए पुरुवंसी राहुल देव शर्मा ग्रामीण एस पी, बिलासपुर,एस डी एम सूरज साहू और एस डी ओ पी कोटा आशीष अरोरा ,थाना प्रभारी यु एन शांत कुमार साहू, सी एम ओ, मनीष वारे,एवं स्वास्थ्य अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए।
कोविड प्रभावित 2 साल के बाद इस वर्ष रतनपुर महामाया मंदिर में शारदीय नवरात्र पर्व को पहले की तरह धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया गया है। जिन आयोजनों और कार्यक्रमों पर पाबंदी लगी थी, वे इस बार सामान्य रूप से आयोजित किए जाएंगे। केवल परिसर में लगने वाला मेला इस बार भी नहीं लग पाएगा। उम्मीद की जा रही है कि पूर्व की भांति इस बार भी शारदीय नवरात्र में प्रदेश और देश भर से लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए मां महामाया मंदिर पहुंचेंगे। वही कालरात्रि पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पदयात्रा करते हुए देवी के दर्शन के लिए रतनपुर आएंगे। इतनी अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के महामाया मंदिर पहुंचने के मद्देनजर सुरक्षा, सुविधा, स्वास्थ्य सेवा को लेकर मंदिर प्रबंधन समिति और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें प्रशासनिक नियमों के पालन के साथ श्रद्धालुओं के लिए दिए जाने वाली सुविधाओं पर चर्चा हुई। परिसर में ही स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग के स्टाल लगेंगे।

कालरात्रि यानी महा सप्तमी पर रतनपुर पहुंचने वाले हजारों पदयात्रियों की वापसी के लिए 50 बसें की व्यवस्था की जाएगी
प्रकाश, पेयजल , प्रवेश द्वार पर बैरिकेट, ध्वनि सिस्टम, साफ सफाई व्यवस्था पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।
वही मंदिर समिति द्वारा इस वर्ष 25,000 मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किए जाने की योजना है। वही बड़ी संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए हर वर्ष की तरह यहां प्रशासनिक स्टाल भी लगाए जाएंगे, जिसमें स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा। रतनपुर की पहचान मां महामाया मंदिर से ही है और इसी मंदिर पर आश्रित है यहां की अर्थव्यवस्था। यही कारण है कि नवरात्र की प्रतीक्षा रतनपुर में सभी करते है। विगत 2 वर्षों में यहां सामान्य रूप से नवरात्र का पर्व ना मनाए जाने का असर सभी वर्गों पर पड़ रहा था, जिन्हें आशा है कि इस बार लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के रतनपुर पहुंचने से माँ महामाया की कृपा उन पर भी बरसेगी।

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