बिलासपुर सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की सादगी और सरलता ने लूटा दिल, क्लीनिक इलाज कराने पहुंचे अरुण साव हुए लॉबी में अपनी बारी की प्रतीक्षा करते तस्वीरों में कैद

जिस देश में सत्ता का रास्ता ताकतवर होने का एहसास कराता है, उस देश में कोई भी ओहदा इंसान में ताकत के साथ अहंकार पर भर देता है। राजशाही के बाद भारत ने लोकतंत्र का रास्ता भले चुना लेकिन सच तो यह है कि लोकतंत्र में चुने गए नुमाइंदे खुद को किसी राजा से कम नहीं समझते हैं। नेता और मंत्रियों के काफिले जब सड़क पर निकलते हैं तो इसका एहसास आम आदमी को हो जाता है। ऐसे में जब इससे विपरीत कोई तस्वीर सामने आती है तो सहज हैरानी होती है।


बड़े मंत्री, नेता की क्या कहें साधारण पार्टी कार्यकर्ता भी खुद को वीआईपी समझता है और उसे लाइन में लगकर नहीं बल्कि हर जगह वीआईपी ट्रीटमेंट की आदत पड़ जाती है । ऐसे में जब बिलासपुर सांसद और भारतीय जनता पार्टी जैसे दुनिया के सबसे बड़ी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर नजर आई तो लोग हैरान रह गए।
दरअसल सांसद अरुण साव के दांत में कुछ तकलीफ हुई थी और वे अपना इलाज कराने डॉ दीपक नथानी के नथानी डेंटल क्लिनिक पहुंचे थे। वे चाहते तो एक फोन लगाकर सीधे एंट्री हासिल कर सकते थे। उन्हें आसानी से वीआईपी ट्रीटमेंट मिल जाता ।बिना लाइन लगाएं वे अपना इलाज करा सकते थे, लेकिन उन्होंने एक आम आदमी की तरह अपना नंबर लगाकर अपनी बारी की प्रतीक्षा की। वैसे भी अरुण साव अपने सहज, सरल स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। कभी भारतीय जनता पार्टी और संघ के लिए दरी बिछाने वाले एक मामूली कार्यकर्ता को पार्टी ने आज शीर्ष पर पदों पर बिठा दिया है, लेकिन इससे उनकी सहजता समाप्त नहीं हुई।
वैसे ऐसी सादगी अक्सर भाजपा नेताओं में ही नजर आती है।

इससे पहले गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पारिकर भी अस्पताल में इसी तरह कतार में अक्सर नजर आ जाते थे। बिलासपुर सांसद अरुण साव की यह सरलता जहां उनका संस्कार है, वही यह आर एस एस और भाजपा का अनुशासन भी है जो उनके कदम जमीन पर जमाये रखने में मददगार साबित हो रहे हैं। जाहिर है इस तस्वीर से सांसद अरुण साव की लोकप्रियता और बढ़ेगी। माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी उन्हें बिलासपुर विधानसभा से चुनाव लड़ा सकती है। अगर ऐसा हुआ तो बहुत मुमकिन है कि बिलासपुर लोकसभा चुनाव में जिन दो प्रत्याशियों के बीच मुकाबला हुआ था, एक बार वही मुकाबला फिर से बिलासपुर विधानसभा के लिए नजर आए।

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