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22 अगस्त से जारी छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों अधिकारियों की हड़ताल शुक्रवार को खत्म हो गई। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के साथ मुलाकात के बाद फेडरेशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया। इससे पहले कोर कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री के अपील और आश्वासन पर चर्चा की गई ।पहले इस मुद्दे पर दो फाड़ होने की बात सामने आ रही थी लेकिन शुक्रवार को अंततः सहमति बनी, जिसके बाद हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया गया। इस मुद्दे पर कल कर्मचारियों की 5 घंटे तक मैराथन बैठक चली । वही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2 सितंबर तक अल्टीमेटम दिया था जिसके बाद सख्त कार्यवाही की बात कही गई थी, इससे भी कर्मचारियों के कसबल ढीले पड़े है, जिसके बाद आम लोगों को हो रही परेशानी का हवाला देते हुए हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया गया, वहीं यह भी दर्शाने की कोशिश हुई कि मुख्यमंत्री की अपील को कर्मचारियों ने स्वीकार किया है। आपको बता दें कि कर्मचारी केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तरह 34% महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता की मांग कर रहे हैं, जिसमें राज्य सरकार द्वारा की गई बढ़ोतरी को अपर्याप्त बताते हुए उन्होंने आंदोलन को जारी रखा था। इसके चलते प्रदेश के सभी कार्यालयों में ताले लटक रहे थे और कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा था। उम्मीद है कि इस हड़ताल के खत्म होने से सरकारी मशीनरी में एक बार फिर से गति आएगी।
