
आलोक मित्तल

दक्षिण पूर्व मध्य मंडल और छत्तीसगढ़ में लगातार यात्री ट्रेनों को कैंसिल किए जाने के विरोध में छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने धरना प्रदर्शन करते हुए बिलासपुर सांसद के निवास का घेराव किया। कांग्रेस नेताओं ने रेल बंदी के लिए केंद्र की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सांसद अरुण साव द्वारा इस समस्या को पुरअसर तरीके से पेश नहीं किए जाने के कारण रेल मंत्रालय में बिलासपुर जोन द्वारा जन विरोधी नीतियां चलाई जा रही है। कोयले की कमी और कोयले के परिवहन के नाम पर यात्री ट्रेनों को कैंसिल किया जा रहा है, जबकि अन्य मंडलों में सभी यात्री ट्रेनें सामान्य गति से चल रही है। जो जोन सर्वाधिक माल ढुलाई करते हुए आमदनी का बड़ा जरिया है उसी के साथ अन्याय किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में ट्रेनों को लगातार आठ माह से कैंसिल किया जा रहा है। मार्च से लेकर जून तक ग्रीष्मकालीन सीजन में रेलवे ने 4 माह तक 50 से अधिक ट्रेनों को बंद कर दिया था। अगस्त के पहले सप्ताह में से ही एक बार फिर से ट्रेनों का कैंसिलेशन जारी है ,इसके लिए सांसद अरुण साव को दोषी बताते हुए उनके निवास का घेराव किया गया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि रेलवे ने जनविरोधी नीतियां चलाते हुए छत्तीसगढ़ में चलने वाले 68 ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया है।

इधर कांग्रेस के धरना और सांसद के निवास घेराव के मद्देनजर कलेक्ट्रेट सड़क पर चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है। कलेक्ट्रेट पहुंच मार्ग को दोनों ओर से बैरिकेडिंग कर आम लोगों की आवाजाही डाइवर्ट की गई है। इधर खबर है कि रेल मंत्री स्वयं इस फैसले से अनभिज्ञ हैं और उन्होंने इस पर हैरानी जताई है। उन्होंने जल्द ही यहां यात्री ट्रेनों को बहाल करने की बात भी कही है । सांसद अरुण साव ने कहा कि वे लगातार इस मुद्दे को रेल मंत्री तक पहुंचा रहे हैं और जल्द ही उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ में यात्री ट्रेनें पहले की तरह संचालित होंगी। उन्होंने कहा कि दक्षिण पूर्व मध्य मंडल से ही कोयले का परिवहन किया जाता है इसलिए मंडल की अहम जिम्मेदारी है। अधिक से अधिक संख्या में माल गाड़ी चला कर इस जिम्मेदारी को पूरा किया जा रहा है ताकि बिजली संयंत्र बंद ना हो और लोगों को निर्बाध बिजली मिलती रहे। यात्री ट्रेन जिस तरह से आवश्यक है, बिजली भी बुनियादी जरूरत है। इसलिए रेलवे अपनी दूसरी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहा है ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान सभी ओर है और वे किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।
