
आलोक मित्तल

समुद्र मंथन से निकले हलाहल विष को पी कर शिवजी के शरीर का तापमान बढ़ गया, जिस पर शीतल जल के फुहारों से उन्हें शांति मिली यही कारण है कि शिवजी को जलाभिषेक प्रिय है। मान्यता है कि सावन मास में ही माता पार्वती ने कठिन तपस्या कर उन्हें पति रूप में प्राप्त किया था, यही कारण है कि शिवजी को सावन मास भी प्रिय है ।अपने केश में चंद्रमा यानी सोम को धारण करने वाले शिवजी को सोमवार की तिथि भी प्रिय है। इसीलिए शिवजी को सावन का सोमवार अत्यंत प्रिय है।

इस वर्ष चार सावन सोमवार पर शिव भक्तों ने बढ़ चढ़कर शिवजी की उपासना की। सावन के अंतिम सोमवार को अंचल के सभी शिवालयों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। जगह-जगह भोले भंडारी को प्रसन्न करने विविध आयोजन किए गए। बिलासपुर के रेलवे क्षेत्र में सभी धार्मिक क्रियाकलाप में अग्रणी महाकाल सेना द्वारा भी न्यू कंस्ट्रक्शन कॉलोनी स्थित शिव मंदिर में रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया, जहां आचार्य सचिन पुरोहित द्वारा धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किए गए। इस अवसर पर महाकाल सेना द्वारा यहां भोग प्रसाद का वितरण किया गया। बड़ी संख्या में पहुंचे शिव भक्तों ने यहां शिवजी की आराधना उपासना की, वही भोले भंडारी का प्रसाद ग्रहण किया।
