मुंगेली कांग्रेस जिलाध्यक्ष की रेस में संजय जायसवाल के बाद रोहित शुक्ला और नगर अध्यक्ष के लिए दीपक गुप्ता ने भी पेश की अपनी दावेदारी, मुकाबला हुआ और भी दिलचस्प

आकाश दत्त मिश्रा

मुंगेली में निकाय से लेकर लोकसभा तक भाजपा के अभेद किले को भेदने के लिए कांग्रेस कमर कस चुकी है। खासकर राज्य में 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनने के बाद संगठनात्मक स्तर पर मुंगेली में कसावट लाई जा रही है । इसके सकारात्मक नतीजे भी सामने आए हैं, जिसके तहत मुंगेली नगर पालिका परिषद में कांग्रेस का कब्जा हुआ है। अब आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां आरंभ हो चुकी है। इस लिहाज से जिला अध्यक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। यही वजह है कि मुंगेली में कांग्रेस जिला अध्यक्ष किसे बनाया जाएगा, इसको लेकर अटकले तेज हो चुकी है। नए जिलाध्यक्ष की रेस में कई बड़े नाम शुमार है। पूर्व पार्षद संजय जयसवाल के अलावा इस दौड़ में और भी कई प्रतिद्वंद्वी उन्हें कड़ी टक्कर दे सकते हैं, जिनमें रोहित शुक्ला का नाम प्रमुख माना जाता है ।

शहर के पढ़े लिखे और सुलझे कांग्रेसियों में उनका नाम शुमार होता है। सुभाष वार्ड मुंगेली के वर्तमान पार्षद रोहित शुक्ला मुंगेली कांग्रेस कमेटी के जिला महामंत्री, जिला योजना समिति के अध्यक्ष, नगर पालिका स्कूल के अध्यक्ष, चेंबर ऑफ कॉमर्स मुंगेली के कोषाध्यक्ष और युवा सर्व ब्राह्मण परिषद मुंगेली के अध्यक्ष भी है। परिवार में चली आ रही कांग्रेसी परिपाटी के तहत पिछले 20 वर्षों से रोहित शुक्ला कांग्रेस के निष्ठावान और कर्मठ कार्यकर्ता है। उनकी निष्ठा की वजह से ही साल 2014 में उन्हें मुंगेली शहर अध्यक्ष बनाया गया था। लोकसभा, विधानसभा और नगरीय निकाय चुनाव में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राजनीतिक रूप से रोहित शुक्ला बेहद अनुभवी और सुलझे हुए नेता माने जाते हैं। उनकी पकड़ एक बड़े वर्ग और खासकर युवाओं पर गहरी है । उन्हें मुंगेली का चाणक्य भी कहा जाता है। इसलिए जब कॉन्ग्रेस जिला अध्यक्ष का नए सिरे से चयन होना है तो मुंगेली में रोहित शुक्ला को नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा।


तो वहीं नगर अध्यक्ष की रेस में दीपक गुप्ता का भी नाम तेजी से सामने आ रहा है । बड़ा बाजार क्षेत्र के कांग्रेसी नेता दीपक गुप्ता जिला कांग्रेस कमेटी के जिला महामंत्री भी है। इसके अलावा वे सामाजिक क्षेत्र के हनुमंत सेवा समिति के अध्यक्ष की भूमिका भी निभा रहे हैं ।कांग्रेस के प्रति निष्ठा की वजह से 1994 में कांग्रेस से जुड़ाव के बाद उन्हें 1996 में एनएसयूआई का अध्यक्ष, 2004 में कांग्रेस कमेटी का जिला सचिव 2015 और फिर 2020 में पुनः जिला महामंत्री चुना गया। पिछले 25 वर्षों से लगातार विभिन्न पदों में रहते हुए उन्होंने कांग्रेस के लिए निष्ठा के साथ अपनी भूमिका निभाई है। खासकर उस दौर में जब 15 साल पार्टी वनवास पर थी। इनके अलावा भी कुछ और नाम जिला एवं नगर अध्यक्ष की दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं । यह सभी नेता किसी न किसी विशेष गुट के करीब माने जाते हैं , इसलिए देखना दिलचस्प होगा कि कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच किन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाती है।

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