
पखांजूर से बिप्लब कुण्डू–

पखांजुर,
नक्सल प्रभावित इलाकों को सड़कों से जोड़ने के लिए सुरक्षाबल के जवान जान की बाजी लगाते हैं पर निर्माण एजेंसियां अन्दरूनी इलाकों में हो रहे निर्माण को भ्रष्टाचार के अवसर में बदल देती हैं।गौरतलब है कि बड़गाव से परतापूर तक बन रही सड़क निर्माण के दस दिन के भीतर उखड़ गई है।जिससे सड़क कि गुणवत्ता कि पोल खुल गई है।जगह जगह गढढे होकर नीचे का मुरूम निकल कर बाहर आ गया है।बड़गांव से बुधनदण्ड तक सड़क का स्तर थोडा ठिक है।लेकिन बुधनदण्ड से परतापूर के बिच बनी सड़क कि हालात खस्ताहाल है।जिससे बारीश का पानी सड़क पर जाम हो रहा हैै। स्थानीय निवासी नीधी नरवास,गौतम नरवास,गोबिंद नाग,जोहन दर्रो,हंसराज चक्रधारी,अजय कूमार,सनकेर,मानसू ने बताया कि बारीश को दौरान भी ठेकेदार के लोगो ने सड़क निर्माण का काम जारी रखा और बरसते पानी में भी सड़क कि डामरीकरण कर दी।हालंकि वर्षो पुरानी मांग पुरा होता देख ग्रामीणो ने इसका विरोध नही किया।जिसका भरपूर फायदा ठेकेदार और विभाग के अफसर उठाते रहे और गुणवत्ताहिन निर्माण कार्य को जारी रखा।और अन्ततः सड़क भ्रस्टाचार कि भेट चढ़ गई। बताना लाजमी होगा कि इस इलाके को आज से दसक भर पहले नक्सलियो के गढ़ के नाम से भी जाना जाता था।जिसके चलते सरकार को यह सड़क बनाने मे कई प्रकार कि चुनौतीयो से होकर गूजरना पड़ा।ाबावजूद सरकार ने कई रणनीती को आजमा कर इस सड़क का निर्माण शुरु कराया ताकि क्षेत्र के सैकड़ो गांव विकास के मुख्य धारा से जुड़ जाये।परन्तु विभाग के अफसरो और ठेकेदार ने मिलकर गुणवत्ताहिन कार्य कराया और सैकड़ो गांव के हजारो ग्रामीणो कि उम्मीदो पर पानी फेर दिया।
नक्सलियों के कब्जे में जिस हाल में यह सड़क थी उससे भी बुरा हाल सड़क के पुनर्निर्माण के बाद हो चुका है।हद तो यह है कि अफसर और ठेकेदार अब सड़क की मरम्मत के नाम पर और कमाई की योजना बनाने में जुट गए हैं।हालांकि दावा यह किया जा रहा है कि सड़क की गारंटी ठेकेदार की है।वह ही इसकी मरम्मत करेगा।वैसे सड़क उखड़ी तो किसी की जिम्मेदारी तो तय की जानी थी पर अब तक ऐसा नहीं किया गया है।फोर्स के जवान नक्सलियों से मोर्चा लेकर नक्सल इलाकों की दशा बदलने में जुटे हैं।लेकिन निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार से जवानों का मनोबल ही नहीं विकास की उम्मीद पाले ग्रामीणों का भरोसा भी टूटा है।और अब ग्रामीण इस सड़क के बारे मे मुख्यमंत्री से शिकायत करनें कि तैयारी कर रहे है।

सुरक्षाबलो ने दिया सुरक्षा ताकि बने सड़क—–पांच दसक पुरानी मांग थी कि बड़गाॅव से परतापूर मार्ग का निर्माण किया जाये।परन्तू पुरा इलाका नक्सलीयो के शिकंजे में होने के चलते सरकार यह मार्ग बनाने में अश्मर्थ हो रही थी।वहीं दूसरी ओर ग्रामीण भी चाह रहे थे कि यह सड़क बने।जिसको मददेनजर रखते हुये।सरकार ने योजना बनाई और इस मार्ग में हर पांच किलोमिटर के दायरे में सुरक्षाबलो कि टुकड़ीयो को तैनात करने हेतू कैम्प स्थापित किये गये।ताकि सुरक्षाबलो कि निगरानी में सड़क का निर्माण हो सके और क्षेत्र के हजारो लोग विकास कि मुख्यधारा से जुड़ जाये।सुरक्षाबल के जवान लगातार इस सड़क कि सुरक्षा में लगे रहे।हमेशा अन्दरुनी इलाके में सर्चिंग में निकल पड़ते ताकि इस सड़क के निर्माण में कोई बाधा न आने पाये।कई बार सुरक्षाबलो और नकस्लीयो के बिच मुठभेड़ भी हुई बावजूद सुरक्षाबलो के जवानो ने मुहतोड़ जवाब दिया और नकस्ली भाग खड़े हुये।सुरक्षाबलो के जवानो ने इस सड़क निर्माण के लिये जान कि बाजी लगा दी।ताकि सड़क निर्माण हो जाये।परन्तू ठेकेदार और विभाग के अफसरो ने इन तामम चिजो को दरकिनार कर अपना जेब भरने को सोचा और गुणवत्ताहिन सड़क निर्माण करवा डाला जो दस दिन के भीतर सड़क उखड़ गई।

ग्रामीण ने दी प्रदर्शन की चेतावनी—
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण का काम जब भी हुआ तब भी सड़क उखड़ा।इसके पहले भी 2017 में यही सड़क निर्माण हुआ था,जो दस दिन के भीतर उखड़ गया।उसके बाद ,(पीआरआरपीटू) के तहत सड़क निर्माण का काम शुरू हुआ।यह सड़क भी निर्माण के दस दिन के भीतर उखड़ गया।इस सड़क निर्माण के नाम पर विभाग के अफसरों ने सिर्फ अपना जेब गर्म किया है।और नक्सली भय का माहौल बनाकर विभाग के अफसर और ठेकेदार गुणवत्ताहीन कार्य कर रहे है।ग्रामीण चाहते है कि कार्य मे लापरवाही बरतने वाले दोषियो के खिलाप कार्रवाही की जाए।और गुणवत्ताहीन हुए कार्य को सही तरीके से कराया जाए।अन्यथा अब ग्रामीण इसके लिए भी जल्द जंगी प्रदर्शन किया जाएगा।इस सड़क को भ्रष्ट अफसर और ठेकेदार का निवाला नही बनने देंगे।
महेन्द्र कश्यप,ईई लोकनिमार्ण विभाग भानुप्रतापपूर–सड़क उखड़ने कि जानकारी आपके माध्यम से मिल रही है।मैं स्वंय बुधवार को मौके पर आकर सड़क का निरीक्षण करुंगा।और गलत पाये जाने पर निश्चित तौर पर कार्रवाही कि जायेगी।
शेख अस्लम,उपयंत्री लोकनिर्माण विभाग भानुप्रतापपूर– सड़क निर्माण का स्टीमेंट के अनूसार कि सड़क निर्माण हुआ है।जहां सड़क उखड़ी है पुनः सही करवाया जायेगा।
जिम्मेदार अधिकारी नही करते मानीटरींग– बताना लाजमी हो कि क्षेत्र में करोड़ो रुपये कि निमार्ण कार्य किया जा रहा है।बावजूद विभाग के बड़े अफसर मौके पर आकर निरीक्षण करने कि जहमत नही उठाते।अपने कार्यालय में बैठकर हि फाईल आगे बढ़ा देते हे।यदि विभाग के बड़े अफसर निर्माण कार्य का निरीक्षण करते तो शायद करोडो कि यह सड़क भ्रस्टाचार कि भेट नही चढ़ती।
