आकाश दत्त मिश्रा
प्रदेश सरकार की सुराजी ग्राम योजना नरवा, गरुवा, घुरुवा और बाड़ी के संरक्षण और संवर्धन के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम रिस्दागौठान प्रबंधन एवं संचालन के विषय पर ग्राम पंचायत रिस्दा में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजनकिया गया। जिसमें क्लस्टर वार विभिन्न ग्राम मल्हार रिस्दा, डोडकी, हिर्री, पेण्डरी के ग्रामीणों, महिला स्व सहायता समूहों और ग्राम गौठान समितियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
जिसमें जल संरक्षण, पशुपालन, जैविक खाद, और बाड़ीयों के पुर्नउद्धार कर गांव में शुद्ध फल एवं सब्जियों के उत्पादन और ग्रामीण आजीविका गतिविधियों को बढ़ाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ और समृद्ध करने की दिशा में विस्तार से समझाया गया।
प्रशिक्षण अधिकारी अर्जुन वस्त्रकार ने सभी विषयों की जानकारी देने के बाद कहा कि खेती जितनी शुद्ध होती है ग्रामीण जन जीवन भी उतना ही स्वस्थ, समृद्ध और खुशहाल होता है ग्रामीण जीवन को एक सूत्र में बांधने का सबसे बड़ा जरिया उसकी माटी उसका पानी उसकी उपज और उसका पशुधन होता है।
कृषि विस्तार अधिकारी ने वर्मी कंपोस्ट के बारे में विस्तृत जानकारी देकर उसके पैकेजिंग और मार्केटिंग के बारे में सभी को जानकारी दी।
गौठान समितियों ने गौठान में आ रही असुविधाओं से भी अवगत कराया और महिला समूहों ने रुचि दिखाते हुए बकरी पालन , गौपालन के लिए ऋण एवं मशरुम प्रशिक्षण की मांग रखी।
प्रशिक्षण स्थल पर समन्वयक अधिकारी अजय यादव, महिला समूह, सरपंच, सचिव,कृषि मित्र और आरएईओ अधिकारी सुषमा गर्ग, ए आर सहारे के साथ सभी ग्रामीण उपस्थित रहे।