ड्रिलर , एसडीएल ऑपरेटर और खदानों के दूसरे कुशल कामगार बंधुओं के लिए आज का दिन अविस्मरणीय बन गया जब सीएमडी एसईसीएल डॉ प्रेम सागर मिश्रा ने स्वयं पुष्प -माला से स्वागत करते हुए हाथों में स्नेह-भेंट दिया और कन्धा थपथपाकर उनका मनोबल दुगुना कर दिया ।विश्रामपुर क्षेत्र में कम्पनी के मुखिया पहली बार पहुँचे थे पर उनकी उनकी संवेदना और संवादपरकता ने टीम को ऐसे जोड़ा कि हर कोई आकर अपनी बात कहने लगा ।

सीएमडी डॉ मिश्रा ने पहले दिन देर संध्या पहुँचते हीं विभागाध्यक्ष, सब एरिया , माईन मैनेजर के साथ बैठक की ।

आज दिन की शुरुआत आमगाँव ओसीएम के निरीक्षण से हुई जो कि इसी जून में चल पड़ने को तैयार है । इसे 10 लाख टन वार्षिक का आरम्भिक लक्ष्य दिया गया है । नई खदान की माईन प्लानिंग देखकर वे संतुष्ट हुए ।

इसके बाद सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा केतकी यूजी पहुँचे जो कि एमडीओ मोड पर खुलने वाली कोल इण्डिया की पहली भूमिगत खदान होगी । इसमें कंटिन्युएस माइनर (सीएम) तकनीक का प्रयोग किया जाएगा ।

गायत्री यूजी में उन्होंने बेल्ट और सम्बंधित उपकरणों और व्यवस्था को और साफ़-सुथरा रखने का निर्देश दिया वही रेहर यूजी के रख रखाव की प्रशंसा की ।

डॉ मिश्रा ने एक लाख टन क्षमता वाले आमेरा ओसी को जल्द शुरू किए जाने का निर्देश दिया वहीं बलरामपुर यूजी में एसडीएल मशीन के उपयोग को और बढ़ाने के लिए टीम को उत्साहित किया ।

दिन तेज़ी से अवसान की ओर बढ़ रहा था । कुम्दा 7/8 बिश्रामपुर विज़िट की आख़री खदान रही जहाँ सीएमडी डॉ मिश्रा ने उत्पादन को और बढ़ाने के लिए टीम को व्यावहारिक सुझाव दिए ।

खदान विज़िट के बाद क्षेत्र के श्रम संगठनों जेसीसी सदस्यों के साथ बैठक पूरी हुई तत्पश्चात सीएमडी ने स्थानीय मीडिया के साथियों के साथ बातचीत किया ।

वित्तीय वर्ष 2022-23 में बिश्रामपुर क्षेत्र 15 लाख 24 हज़ार टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य की ओर अग्रसर है ।

कम्पनी के मुखिया के क्षेत्र में आगमन से टीम में उत्साह की एक लहर दौड़ गई है ।

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