पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने वाले मुंगेली के 5 भाजपा पार्षदों पर चला अनुशासन का हंटर, 4 निष्काषित, 1 को कारण बताओ नोटिस, शक के घेरे में रहे 3 पार्षद फिर भी साफ बच निकले

आकाश दत्त मिश्रा

आखिरकार मुंगेली के पांच भाजपा पार्षदों पर गाज गिर ही गयी और उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है , हालांकि इसमें 5 महीने का लंबा वक्त लग गया ।
वैसे मुंगेली नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव में भाजपा पार्षदों द्वारा क्रॉस वोटिंग किए जाने के बाद से ही इस तरह की कार्यवाही की प्रतीक्षा की जा रही थी। भारतीय जनता पार्टी संगठन के तौर पर बेहद अनुशासित मानी जाती है। मुंगेली में लोकसभा, विधानसभा से लेकर नगर पालिका परिषद में भी भाजपा का हमेशा दबदबा रहा है। बावजूद इसके जिस तरह नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी के पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की, उससे मुंगेली में भारतीय जनता पार्टी की खूब किरकिरी हुई ।
पूरे कवायद की शुरुआत पूर्व अध्यक्ष संतू लाल सोनकर को लेकर हुई थी। मुंगेली के परमहंस वार्ड में नाली निर्माण के नाम पर 13 लाख के घोटाले में पूर्व अध्यक्ष का नाम आने के बाद उन्हें नगरीय निकाय विभाग द्वारा बर्खास्त कर दिया गया, जिसके बाद कांग्रेस के हेमेंद्र गोस्वामी कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए थे।
5 जनवरी को नए नगर पालिका अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ। मुंगेली में 22 सदस्यीय नगरपालिका परिषद में भाजपा पार्षदों की संख्या 11 थी । कांग्रेस के पास 10 पार्षद थे और उन्हें एक निर्दलीय पार्षद का समर्थन हासिल था। लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष संतू लाल सोनकर के जेल चले जाने के बाद 5 जनवरी 2022 को हुए चुनाव में 21 पार्षदों ने मतदान किया। यहां कांग्रेस के हेमेंद्र गोस्वामी के मुकाबले भाजपा की गायत्री देवांगन 8 वोटों से हार गई। कांग्रेस प्रत्याशी को 13 वोट मिले जबकि गायत्री देवांगन के खाते में सिर्फ 5 ही वोट आये थे, जबकि भाजपा पार्षदों की संख्या 10 थी। इस चुनाव में 3 वोट निरस्त हुए थे। इस तरह हेमेंद्र गोस्वामी 8 वोटों से जीत गए लेकिन यहां सिर्फ भाजपा प्रत्याशी की हार नहीं हुई, पार्टी का मनोबल भी बुरी तरह से परास्त हुआ।
पहली मर्तबा भाजपा पार्षदों पर बिकने के आरोप लगे। इसी दौरान इस पूरे मामले की जांच के लिए समिति का गठन किया गया था, जिस की अनुशंसा पर नगरपालिका उपाध्यक्ष मोहन मल्हाह, संतोषी मोना नागरे, मोतिमबाई सोनकर और मोहित कुमार बंजारा को पार्टी ने अनुशासनहीनता का दोषी पाते हुए 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है, तो वही एक और पार्षद अमितेश आर्या को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की अनुशंसा पर भाजपा प्रदेश महामंत्री पवन साय के इस नोटिस से मुंगेली में हड़कंप मच गया ।
भीतर खाने से यह खबर भी आई कि इस पूरे मामले में तीन और भाजपा पार्षद पूरी तरह संदेह के घेरे में थे, लेकिन उन्हें संगठन का वरदहस्त प्राप्त होने से वे पूरे मामले से साफ बच कर निकल गए।
इधर इस फैसले पर आपत्ति दर्ज कराते हुए मोहन मल्लाह ने इसे एकपक्षीय कार्यवाही कहा है। उनका कहना है कि संगठन ने उनसे इस संबंध में बिना कुछ पूछे ही सख्त कार्यवाही कर दी है। वैसे मुंगेली में मोहन मल्लाह को जन सहानुभूति भी मिलती दिख रही है। लोगों का कहना है कि इस पूरे मामले में दोषी कोई और था, मोहन मल्लाह मुक्त में हीं नप गए।
आम धारणा है कि यह कार्यवाही नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव में भाजपा पार्षदों के बगावत और हॉर्स ट्रेडिंग की वजह से हुई है लेकिन पार्टी किरकिरी से बचने के लिए इसे दूसरा रूप दे रही है। असल में जब पूर्व अध्यक्ष संतू लाल सोनकर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे तो उस वक्त भाजपा के ही कुछ पार्षद उनके खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करते नजर आए थे और उन्होंने ही इस पूरे मामले को उजागर किया था। इसके पीछे एक पार्षद की व्यक्तिगत रंजिश वजह थी। ऐसे ही गतिविधियों के लिए पांच पार्षदों पर कार्यवाही की बात कही जा रही है।
इधर इस कार्यवाही को भाजपा का अंदरूनी मामला बताते हुए नगर पालिका अध्यक्ष हेमेंद्र गोस्वामी ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वे अपनी लोकप्रियता की वजह से पूर्ण बहुमत से चुनाव जीत कर आए हैं और उन्होंने किसी तरह की हॉर्स ट्रेडिंग नहीं की है। तो वहीं उपाध्यक्ष मोहन मल्हा ने इस मुद्दे को पार्टी फोरम में उठाने की बात कही है ।
मुंगेली में एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो इस कार्यवाही को उचित मानता है। लोकतंत्र को कलंकित कर हॉर्स ट्रेडिंग का हिस्सा बनने वाले पार्षदों पर कार्यवाही के समर्थकों का मानना है कि ऐसे लोगों ने पार्टी के साथ मुंगेली के हितों को भी बेचने का काम किया है ,जिनसे किसी तरह की सहानुभूति नहीं होने चाहिए। भीतर खाने से इस बात पर भी सुगबुगाहट है कि कार्यवाही के बावजूद कुछ दोषी साफ बच निकले हैं, जिनसे पार्टी को भविष्य में भी खतरा हो सकता है। इस पूरे प्रकरण ने एक नई नजीर पेश की है कि अगर चंद रुपयों की खातिर पार्टी से बगावत करेंगे तो फिर हॉर्स ट्रेडिंग के बावजूद भी आप लंबी रेस के घोड़े तो कदापि नहीं बन सकते।

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