पुसगुट्टा के ग्रामीण विकास से कोसो दूर, आज भी पकडण्डी से सफर कर पहुंच रहे है अस्पताल, बाजार, राशन दुकान

पखांजूर से बिप्लब कुण्डू-

पखांजुर —
कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा विकासखंड के अंतिम छोर में बसे ग्राम पुसगुट्टा के ग्रामीण सड़क के अभाव में विकास से कोसो दूर है। एक तरफ सरकार ग्रमीणों को विकास के मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जगह जगह सड़क बना रहे है तो दूसरी और कोयलीबेड़ा विकासखंड के अतिसंवेदनशील ग्राम पुसगुट्टा के ग्रामीण वर्षो से सड़क की मांग करते नजर आ रहे है। ग्रामीण सड़क निर्माण की मांग को लेकर सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके है।
आपको बता दू की पखांजुर तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत उलिया के आश्रित ग्राम पुसगुट्टा के ग्रामीण वर्षो से सड़क विहीन जीवन यापन कर रहे है। हम इस बात से अंदाजा लगा सकते है कि जिस गांव में आने जाने के लिए सड़क न हो तो वहां के ग्रामीण कैसे अपना जीवन यापन करता होगा और क्या विकास किया होगा? ग्रामीण अपने को विकास की पटरी पर लाने के लिए वर्षो से सड़क की मांग करते आ रहे है लेकिन न तो कोई अधिकारी ध्यान दे रहे है और न ही कोई जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे है।
जानकारी के अनुसार माड़ पखांजुर तक मुख्य मार्ग बना हुआ है। जहाँ से मात्र 4 किलोमीटर दूर ग्राम पुसगुट्टा बसा है, वह तक सड़क नही बना है। जिसका मांग ग्रामीण वर्षो से करते आ रहे है। ग्राम पुसगुट्टा को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली सड़क वर्षों बाद भी नहीं बन पाई है। जिसके चलते ग्रामीणों को आवागमन के लिए पकडण्डी रास्ता का सहारा लेना पर रह है। वर्षाकाल में ग्रामीणों की परेशानी और भी ज्यादा बढ़ जाती है। संबंधित विभागों की अनदेखी के चलते ग्रामों को मुख्य सड़क मार्गों से जोड़ने की तमाम योजनाओं का लाभ इस ग्राम को नहीं मिल पा रहा है। यहां के रहवासियों को सड़क के नाम पर कोई भी सुविधा वर्षों बाद भी नहीं मिल रही है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं संबंधित विभागों की उपेक्षा के चलते ग्रामवासीयो को सड़क मार्ग के अभाव में जीवन यापन करना पर रह है। ग्रामीणों द्वारा कई बार शासन-प्रशासन के समक्ष सड़क निर्माण की बात रखी जा चुकी है। परंतु कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। संकटकाल में ग्रामीणों को स्वास्थ्य खराब होने की दशा में अस्पताल तक पहुंचना मुश्किल का काम होता है। विशेषकर महिलाएं ज्यादा परेशानी उठाती हैं। आश्चर्य का विषय है कि तमाम स्थानों पर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। परंतु पुसगुट्टा ग्राम तक जाने वाली सड़क का निर्माण आज तक नहीं किया गया है। ग्रामीण आज भी सड़क बनने की आस लगाए बैठे है। अब देखना यह होगा की शासन-प्रशासन कब तक सड़क बनाते है और कब ग्रामीणों को विकास की पटरी से जोड़ते है?

ग्रामीण कंडे राम, मिर्गु राम, नदगु, बुधु राम, सन्नू गुंडरु, रामू गुंडरु, दलसू, चैनू राम, शैलेन्द्र करकेटा, ईश्वर भकला, मेनू नरेटी, सोमजी नरेती, रैजी, रामसू वर्दा, रामसाय, लालू नारेटी, रानू, मनलू राम, गिला राम, खरू राम, सर्दू राम, जॉर्ज एक्का, चैतू राम का कहना हैं कि हमारे गांव वर्षों पुरानी है। लेकिन हमारे गांव से जुड़ी कोई सड़क या मार्ग नहीं है। सड़क निर्माण करवाने के लिए हम ग्रामवासियों ने कई बार कलेक्टर, तहसीलदार, विधायक को लिखित रूप में अवगत कराने के बाद भी आज तक सड़क नही बनी है। सड़क नही होने से हमें एक गांव से दूसरे गांव जाने व सरकारी सुविधा लेने जैसे कि राशन दुकान,अस्पताल में जाने के लिए हमे पकड़ांदी का सहारा लेना पड़ता है।
ग्रामीणों का यहां भी कहना हैं की हमने विधायक अनूप नाग को 9 जून 2021 को आवेदन दे कर अवगत कराए थे और उन्होंने आश्वाशन भी दिया की बहुत जल्द मांग पूरी हो जाएगी। लेकिन आज तक सड़क नही बनी है।

विधायक अनूप नाग ने कहा उलिया पंचायत का आश्रित गांव पुसगुट्टा के ग्रामीणों ने सड़क बनाने की मांग को लेकर आवेदन दिया था । इसे हमने तत्काल प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से जुड़े अधिकारियों तक भेज दिया था, लेकिन विलंब हो गया। अभी पुनः अधिकारियों से चर्चा कर रहा हूं । जल्द ही सड़क बनाया जाएगा।

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