पखांजूर से बिप्लब कुण्डू-

संग्राहक परिवारो को दिए जाने वाले योजनाओं के बारे में विधायक ने दी जानकारी,कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार निरंतर लघु वनोपज संग्रहणकर्ताओं के हित में कार्य कर रही।

अंतागढ़ विधायक अनूप नाग ने अपने एक दिवसीय पखांजूर दौरे के दौरान वे अचानक पखांजूर में लघु वनोपज संग्रहण केंद्रों में तेंदूपत्ता संग्रहण कार्यों का निरीक्षण करने पहुंच गए और संग्राहक परिवारों का उत्साहवर्धन किया । विधायक नाग पिछले कई दिनों से निरंतर तेंदूपत्ता संग्रहण कार्यों का निरीक्षण व पर्यवेक्षण कर रहे है। यहां उन्होंने संग्राहकों से बातचीत की एवं फड़मुंशी से तेंदूपत्ता संग्रहण के बारे में जानकारी ली।

परलकोट क्षेत्र में हजारों लोग पूरे परिवार सहित लघु वनोपज संग्राहक तेंदूपत्ता एवं अन्य वनोपज के संग्रहण कार्यों में लगे हुए है। विधायक अपने औचक निरीक्षण के दौरान समितियों में जाकर वनोपज संघ के वस्तुस्थिति से अवगत हो रहे है।

इस दौरान वे न केवल तेन्दूपत्ता की गुणवत्ता देख रहे है वरन राज्य सरकार द्वारा लघु वनोपज संग्राहक परिवारो को दिए जाने वाले योजनाओं के बारे में भी संग्राहक परिवारों को बता रहे है। अपने दौरे के निरीक्षण के दौरान विधायक नाग ने उपस्थित संग्राहकों से निरंतर संवाद बनाए हुए है और वे यह बताने से नहीं चुक रहे है कि कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार निरंतर लघु वनोपज संग्रहणकर्ताओं के हित में कार्य कर रही है। इसलिए राज्य सरकार ने चार हजार रुपये मानक बोरा की दर से तेंदूपत्ता खरीदी कर रही है।

साथ ही 62 से अधिक लघु वनोपज की खरीदी भी राज्य की कांग्रेस सरकार के द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य में की जा रही है। श्री नाग ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां इतने सारे लघु वनोपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य में सरकार द्वारा खरीदी किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य लघु वनोपज संग्राहको को आत्मनिर्भर बनाना है इसलिए उन्नात किस्म के तेंदूपत्ता का संग्रहण करें ।

साथ ही विधायक ने संग्राहकों से कहा की 500 तेंदूपत्ता गड्डी अवश्य तोड़े ताकि संग्राहक परिवार को बीमा, बोनस और उनके आश्रित परिवार को छात्रवृति की योजना का लाभ मिल सके।

उन्होंने उपस्थित ठेकेदार, प्रतिनिधियों को कहा कि जब तक जंगल में तेंदूपता मिल रहा है तब तक संग्रहण कार्य को बिना किसी बाधा के जारी रखना । विधायक ने उपस्थित फड़मूंशी को भी समय सीमा में बीमा, बोनस और छात्रवृति के प्रकरण को बनाकर जल्दी ही जिला वनोपज सहकारी संघ मर्यादित कांकेर को भेजने की बात कही ।

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